नई दिल्ली. ट्रम्प का शी जंगपिंग पर क्रोध यूं ही नहीं है. इसका कारण कोरोना भी है और इसका कारण उनका राष्ट्रपतिपद के चुनाव में पिछड़ जाने का रोना भी है. चीनी वायरस ने अमेरिका की जन-धन हानि तो की ही की, इस साल नवंबर में हो रहे राष्ट्रपति पद के चुनावों में डोनाल्ड ट्रम्प की उम्मीदवारी पर ग्रहण भी लगा दिया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


 


''शी जिनपिंग से बात नहीं करना चाहता'' 


डोनाल्ड ट्रम्प चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग पर कितने भड़के हुए हैं इसकी बानगी उनके इस ब्यान से जाहिर होती है. अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा कि मैं शी जिंगपिंग से कोई बात नहीं करना चाहता. कोरोना कॉन्सप्रेसी के अंतर्राष्ट्रीय खलनायक चीन को लगता है कि उसका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता. लेकिन सच तो ये है कि अमेरिका उसका जितना बुरा हाल कर सकता है, कोई और नहीं कर सकता. 


चीन चल रहा है शातिर चाल 


चीन अमेरिका के गुस्से को अच्छी तरह से समझ रहा है इसलिए उसने उसे बेवकूफ बनाने की चाल चलनी शुरू कर दी है. इस साल की शुरुआत में अमेरिका और चीन के बीच जो व्यापार समझौता हुआ था उस पर अब चीन ने अमल करना शुरू कर दिया है और वह पिछले साल की तुलना में ज्यादा अमेरिकी सामान खरीद रहा है. पत्रकार वार्ता में इस सवाल पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'वे इस ट्रेड डील पर काफी पैसा लगा रहे हैं, लेकिन ये अमेरिका को खुश करने में नाकाफी है, कारण आसानी से समझा जा सकता है. 


चीन ट्रेड डील पर बात करना चाहता है 


कोरोना महामारी के आरोपों से घिरा चीन दुनिया को किसी लायक नहीं समझता लेकिन अमेरिका का बाज़ार उसके लिए बहुत फायदेमंद है इसलिए अमेरिका को चारा डालने का काम उसने जारी रखा है . हाल ही में जब चीन ने अमेरिका के साथ अपने व्यापर समझौते पर बात करनी चाही तब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उस पर बात करने से इंकार कर दिया था. लेकिन अब जब चीन ट्रेड डील पर अमल कर रहा है और अमेरिकी सामान इस साल काफी ज्यादा खरीद रहा है तो इस बात से शायद अमरीकी गुस्से पर कोई फर्क पड़ सकता है. क्योंकि ट्रम्प ने ये भी कहा है कि आगे उनसे बात करनी है या नहीं, ये भविष्य की परिस्थितियों पर निर्भर करेगा. 


ये भी पढ़ें. चीन ने माना कि उसने कोरोना सैंपल नष्ट कराये थे