नई दिल्लीः हमास के हमले के बाद से इजरायल की जवाबी कार्रवाई जारी है. इजरायल ने हमास के खात्मे का संकल्प लिया है लेकिन इजरायली बमबारी की वजह से गाजा में आम फिलिस्तीनियों का जीवन नर्क से भी बदतर हो गया है. कब मौत उनके दरवाजे पर दस्तक दे देगी, किसी को नहीं पता. जो घायल बच रहे हैं उनका जीवन और भयावह है क्योंकि गाजा के अस्पतालों में इलाज के लिए चिकित्सकीय उपकरणों और दवाइयों की कमी है. इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने एक झकझोर देने वाला दावा किया है. 


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बिना एनेस्थीसिया काट दिए गए बच्चों के अंग
फिलिस्तीन पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत फ्रांसेसा अल्बनीज ने शुक्रवार को कहा कि गाजा में कम से कम 1 हजार बच्चों के अंग बिना एनेस्थीसिया के काट दिए गए हैं, क्योंकि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इजरायल ने आवश्यक दवाओं की आपूर्ति के प्रवेश को बंद कर दिया है. संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत ने एक्स पर लिखा, 'हमारी सदी की राक्षसीता.'


 



गाजा प्रत्येक कहानी कष्टदायी हैः यूएन दूत
उन्होंने कहा कि इजरायल गाजा के उन इलाकों पर बमबारी कर रहा है जिन्हें उसने 'सुरक्षित' बताया है. उन्होंने लिखा, 'यह पूरे परिवारों को खत्म कर रहा है, अनगिनत बच्चों को अनाथ बना रहा है और अनगिनत पुरुषों और महिलाओं को अपनी संतानों को जीवन संघर्ष के लिए मजबूर कर रहा है.' उन्होंने कहा कि गाजा में प्रत्येक कहानी कष्टदायी है.


9 हजार से ज्यादा बच्चे इजरायली बमबारी में घायल
वहीं यूनिसेफ ने बताया कि गाजा में कम से कम 9 हजार से ज्यादा बच्चे इजरायली बमबारी में घायल हो गए हैं. इससे उन्हें एक हाथ या पैर खोने की समस्या से जूझना पड़ा है. 7 अक्टूबर को एक अप्रत्याशित हमले में हमास की ओर से इजरायल पर हमला करने के बाद इजरायल ने 27 अक्टूबर को गाजा के अंदर एक जमीनी आक्रमण शुरू किया.


हमास और इजरायल के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद से, कम से कम 21,320 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, इनमें ज्यादातर बच्चे और महिलाएं हैं, जबकि 55,603 फिलिस्तीनी घायल हुए हैं.


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