Afghanistan: UN ने किया मदद का ऐलान, कहा- सबसे बुरा समय झेल रहे अफगानी
तालिबानी राज में अफगानिस्तानी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिये दुनिया को एकजुट होना पड़ेगा.
नई दिल्ली: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां के लोगों के लिये संयुक्त राष्ट्र ने मदद की घोषणा की है. संकट से जूझ रहे अफगानी नागरिकों के लिये संयुक्त राष्ट्र 60.6 डॉलर की मदद इकट्ठा करेगा.
अफगानिस्तान के लोगों के लिये 60.6 करोड़ डॉलर की मदद का ऐलान करते हुए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि इससे पहले भी तालिबान के कब्जे के बाद ये लोग सबसे बुरे संकट की चपेट में थे.
सबसे खतरनाक समय से जूझ रहा अपगानिस्तान
गुटेरेस ने कहा कि अफगानिस्तान के लोगों को एक जीवनरेखा की जरूरत है. दशकों के युद्ध, पीड़ा और असुरक्षा के बाद, वे शायद अपने सबसे खतरनाक समय का सामना कर रहे हैं. अब अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए उनके साथ खड़े होने का समय है.
गुटेरेस ने जरूरत के नाटकीय रूप से बढ़ने और मानवीय पहुंच पर अपनी चिंता प्रकट करते हुए कहा कि देश के नए शासकों ने अफगानिस्तान के लोगों को सहायता सुनिश्चित करने के लिए अपना सहयोग देने का वादा किया है. हमारे कर्मचारियों और सभी सहायताकर्मियों को सुरक्षा में अपना महत्वपूर्ण कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए- उत्पीड़न, धमकी या भय के बिना.
दो अफगानों में से एक को नहीं पता कि उनका अगला भोजन कहां से आ रहा है, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि महीने के अंत तक कई लोगों को भोजन मिलना दूभर हो जाएगा, क्योंकि सर्दी आ रही है.
महिलाओं के अधिकार खतरे में- UN
भोजन, जीवन रक्षक उपाय और आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल, मातृ स्वास्थ्य देखभाल की बुरी हालत गहरी चिंता का विषय है. इतना ही नहीं, अफगानिस्तान के नए शासकों से महिलाओं के अधिकार भी खतरे में हैं.
संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त, मिशेल बाचेलेट ने अफगानिस्तान में मानवाधिकार और आर्थिक संकट का जिक्र करते हुए कहा कि इस देश ने एक नए और खतरनाक चरण में प्रवेश किया है. कई अफगान भी अपने मानवाधिकारों, विशेष रूप से महिलाओं, जातीय और धार्मिक समुदायों के लिए गहराई से चिंतित हैं.
बाचेलेट के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया कि पिछले हफ्ते अफगानिस्तान में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर चाबुक, डंडों और गोला-बारूद का इस्तेमाल किया गया.
ओएचसीएचआर ने पिछले शुक्रवार को चेतावनी दी थी कि अनधिकृत असेम्बली पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और दूरसंचार कंपनियों को काबुल के विशिष्ट क्षेत्रों में मोबाइल फोन व इंटरनेट कनेक्शन काटने के लिए कहा गया है.
जिनेवा में उच्चस्तरीय सम्मेलन में उन चिंताओं का उल्लेख करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने अफगानिस्तान के लोगों के लिए भोजन, जीवन रक्षक हस्तक्षेप और आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता पर प्रकाश डाला.
मानवाधिकारों की रक्षा करना चुनौती
गुटेरेस ने इस बात पर भी जोर दिया कि मानव अधिकारों में निहित मानवीय प्रयासों के समन्वय के लिए मजबूत तंत्र स्थापित किए गए थे.
पिछले 20 वर्षो में अफगानिस्तान के लोगों के लिए खड़ा और देश के लोगों के लिए कठिन लाभ की रक्षा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के दृढ़ संकल्प को प्रतिध्वनित करते हुए, संयुक्त राष्ट्र के आपातकालीन राहत प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने उल्लेख किया कि उन्हें तालिबान नेतृत्व से लिखित आश्वासन मिला था राहत प्रयासों को जारी रखने दें.
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इन गारंटियों ने पिछले सप्ताह काबुल में तालिबान के अंतरिम नेताओं के साथ उनकी बैठक के बाद उन्होंने देश के नए शासकों से मानवाधिकारों का सम्मान करने और सहायता पहुंच की सुविधा का आग्रह किया.
ग्रिफिथ ने जोर देकर कहा कि अन्य अधिकारों और सेवाओं के बीच महिलाओं और लड़कियों की शिक्षा तक पहुंच होनी चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र के आपातकालीन राहत प्रमुख ने कहा कि तालिबान द्वारा सहायताकर्मियों की भी रक्षा की जाएगी, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र परिसर की पवित्रता होगी. उन्होंने कहा कि वे देश के धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों के अनुरूप महिलाओं के अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में बिल्कुल सहमत हैं.
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