शेख हसीना की तरह खुशकिस्मत नहीं थे उनके 3 भाई, एक-एक कर आर्मी ने उतारा था मौत के घाट
Sheikh Hasina Family: बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के नायक और पूरी दुनिया में बंगबंधु के नाम से मशहूर शेख मुजीबुर्रहमान और उनकी पत्नी शेख फाजिलातुन्निसा की पांच संतानें थीं. सबसे बड़ी शेख हसीना, फिर शेख कमाल, शेख जमाल, रेहाना और शेख रुसैल.
नई दिल्ली. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को बड़े तख्तापलट के बाद देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है. शेख हसीना के साथ उनके मंत्रिमंडल या परिवार के किसी सदस्य के भी देश छोड़ने की खबर अब तक नहीं आई है. बांग्लादेश से खबरें रुक-रुक कर आ रही हैं और मीडिया सूत्रों के जरिए लोगों को अपडेट दे रहा है. लेकिन इन सबके बीच यह जानना जरूरी कि शेख हसीना की जिंदगी में ऐसी मुश्किल पहली बार नहीं आई है. साल 1975 में शेख हसीना के परिवार पर बड़ी मुसीबत टूटी थी. उस वक्त हसीना के पिता 'बंगबंधु' शेख मुजीबुर्रहमान और उनके परिवार के कई लोगों की हत्या कर दी गई थी. इनमें शेख की पत्नी और उनके तीन बेटे भी शामिल थे.
उस वक्त भी शेख हसीना किस्मत से जर्मनी में थीं. उनके साथ उनकी एक बहन भी थी. 1975 में हुए तख्तापलट के दौरान शेख हसीना और उनकी बहन रेहाना ही जिंदा बच पाए थे. उस वक्त हसीना पर गम का पहाड़ टूटा था और सेना के अधिकारियों ने उनके तीन छोटे भाइयों की हत्या भी कर दी थी.
कितने भाई-बहन थे शेख हसीना?
बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के नायक और पूरी दुनिया में बंगबंधु के नाम से मशहूर शेख मुजीबुर्रहमान और उनकी पत्नी शेख फाजिलातुन्निसा की पांच संतानें थीं. सबसे बड़ी शेख हसीना, फिर शेख कमाल, शेख जमाल, रेहाना और शेख रुसैल.
सबसे बड़ा बेटा था शेख कमाल
शेख हसीना के भाइयों में कमाल शेख की उम्र सबसे ज्यादा थी. उनका जन्म 1949 में हुआ था. 1975 में 15 अगस्त के दिन जब बांग्लादेश में तख्तापलट की घटना हुई उससे ठीक एक महीना पहले यानी 14 जुलाई को शेख कमाल की शादी हुई थी. शेख कमाल उस वक्त 26 साल के थे. मुजीबुर्रहमान के सबसे बड़े होने के नाते शेख कमाल मुक्ति वाहिनी के संगठनकर्ता भी थे. मुक्ति संग्राम की वजह से कमाल को वहां की सेना में वॉरटाइम कमीशन भी मिला था.
मुक्ति संग्राम की समाप्ति के बाद कमाल ने सेना छोड़कर पर पढ़ाई पर ध्याना लगाया और ढाका विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में स्नातक किया था. पढ़ाई के दौरान ही कमाल शेख देश की एथलीट सुल्ताना खुकी को पंसद करते थे. हत्या से एक महीना पहले ही कमाल और सुल्ताना की शादी हुई थी. 15 अगस्त 1975 को तख्तापलट के दौरान कमाल और उनकी पत्नी सुल्ताना दोनों की हत्या कर दी गई थी.
कौन थे जमाल और रुसैल?
कमाल के छोटे भाई का नाम था शेख जमाल. हत्या के वक्त शेख जमाल की उम्र महज 21 साल थी. वह भी बांग्लादेशी स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा रहे थे. संगीत के शौकीन जमाल ने गिटार बजाना सीखा था. इसके अलावा वह एक अच्छे क्रिकेटर भी थे. हत्या के महज 28 दिन पहले जमाल की भी शादी हुई थी. जमाल की शादी शेख मुजीबुर्रहमान की बहन की बेटी परवीन रोज़ी से हुआ था. जमाल की उनकी पत्नी के साथ 15 अगस्त को हत्या कर दी गई थी. सबसे छोटे भाई का नाम रुसैल था. तख्तापलट के वक्त उसकी उम्र महज दस साल की थी. शेख मुजीब के घर हुए हमले में 10 साल के रुसैल को भी नहीं बख्शा गया था.
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