नई दिल्ली. फलस्तीनी आतंकी संगठन हमास की तरफ से हुए हमले के बाद इजरायल लगातार गजा पट्टी पर हमले कर रहा है. इजरायल ने हमास के कई महत्वपूर्ण ठिकानों को तबाह कर दिया है. दरअसल 7 अक्टूबर को हुए हमास के हमले ने चाक-चौबंद सुरक्षा की इमेज वाले इजरायल की साख पर भी धक्का पहुंचाया है. इस वक्त हमास की कमान इस्माइल हानिया के हाथों में है. 


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शरणार्थी शिविर में हुआ था जन्म
इस्माइल का जन्म साल 1962 में गजा पट्टी के एक शरणार्थी शिविर में हुआ था. तंग गलियों में शुरुआती जिंदगी गुजारने के बाद इस्माइल पढ़ाई भी गजा इस्लामिक यूनिवर्सिटी से हुई. स्टूडेंट रहते हुए ही वो आतंकी संगठन हमास के संपर्क में आ गया था और उससे प्रभावित रहने लगा था.  उसने साल 1987 में अरबी साहित्य में बैचलर की डिग्री हासिल की.


1997 से हमास में शुरू की धमक जमानी
साल 1997 में हानिया की जिंदगी में बड़ा परिवर्तन आया. इस हमास में उसकी पकड़ मजबूत हुई. धीरे धीरे वह संगठन में अपनी पकड़ को और मजबूत करने लगा. जब 2006 में फलस्तीन में चुनाव हुए हमास के प्रत्याशियों की लिस्ट का हेड हानिया ही था.  जब चुनाव में हमास की जीत हुई तो हानिया देश का प्रधानमंत्री बना. 


राजनीतिक रूप से भी शक्तिशाली
प्रधानमंत्री बनने के कुछ समय बाद उसे फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने हटा दिया था. दरअसल अब्बास द्वारा हानिया को हटाया जाना फलस्तीन की राजनीति में दो पार्टियों के विवाद से भी जुड़ा हुआ था. हानिया हमास से है तो अब्बास फतह संगठन से.  खैर हटाए जाने के बावजूद हानिया गजा पट्टी के इलाके में प्रधानमंत्री के रूप में काम करता रहा.


ओसामा के खात्मे का किया था विरोध 
साल 2011 में जब आतंकी ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी कमांडोज़ ने मारा था तब भी हानिया ने इसका विरोध किया था. इस वक्त के फलस्तीन में हानिया सबसे ताकतवर लोगों में से एक है. यही नहीं वह कई मुस्लिम देशों में अच्छा खासा प्रभाव और ताल्लुकात भी रखता है. 


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