नई दिल्ली: चीन ने जो साजिश और चालबाजी करके दुनिया में कोरोना वायरस फैलाया था उसमें WHO भी बराबर का अपराधी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन पर अमेरिका जैसे कई देश अपना गुस्सा निकाल रहे क्योंकि इसने समय रहते कोरोना महामारी को वैश्विक महामारी घोषित नहीं किया. आज भी विश्व स्वास्थ्य संगठन चीन पर कोई बड़ी कार्यवाई करने का मन नहीं बना रहा है उल्टे वो चीन की ढाल बन रहा है. ऐसे में लोग कह रहे हैं कि आपात बैठक करके WHO सक्रियता दिखाने की लकीर क्यों पीट रहा है.


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कोरोना वायरस पर आपातकालीन बैठक


विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी के हालात पर चर्चा के लिए आपातकालीन समिति ने गुरुवार को बैठक बुलाई है. डब्ल्यूएचओ ने इससे पहले इस तरह की बैठक तीन महीने पहले की थी, जब कोविड-19 को अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया गया था. दिसंबर महीने से कोरोना संक्रमण लोगों की जान ले रहा है लेकिन WHO की नींद अब खुल रही है.


WHO की लापरवाही ने दुनिया को संकट में डाला


आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया और उसकी लापरवाही की सजा आज सैकडों देश भुगत रहे हैं. पूरी दुनिया में 2 लाख 25 हजार लोगों की मौत के लिए इसके कुकर्म जिम्मेदार है. डब्ल्यूएचओ को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में अमेरिका से एजेंसी को मिलने वाली फंडिंग को यह कहते हुए रोक दिया कि डब्ल्यूएचओ समय पर और पारदर्शी तरीके से महामारी से जुड़ी जानकारी साझा करने में विफल रहा है.


आलोचना सुनकर बौखला जाता है WHO


जब भी कोई देश या संगठन WHO की आलोचना करता है तो वो बौखलाहट में बेतुकी बातें करता रहता है. ज्ञात हो कि डब्ल्यूएचओ चीफ टेड्रोस एडहोम घेब्रेयसस इस बात से आगबबूला हो गए हैं कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की स्वास्थ्य एजेंसी ने कोरोना प्रकोप को कैसे संभाला है, जिसकी शुरुआत दिसंबर में चीन से हुई और अब दुनियाभर में फैल गया है. अब ये जानलेवा वायरस तीन मिलियन से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर चुका है और लगभग 2.25 लाख लोगों की जान ले ली.


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उल्लेखनीय है कि अमेरिका में विदेश मामलों पर यूएस हाउस कमेटी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की फंडिंग को रोकने वाले ट्रंप प्रशासन के निर्णय की जांच शुरू कर दी है. कमेटी के अध्यक्ष एलियट एंगेल ने इस बात की जानकारी दी. आपको बता दें कि दुनियाभर में कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक मौतें अमेरिका में हुई हैं.