कौन हैं सयाक मुखोपाध्याय जिनकी इस हरकत की वजह से 50 मिनट रुका US Open का मैच, गिरफ्तार
भारतीय मूल के 50 वर्षीय शख्स सयाक मुखोपाध्याय को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने यूएस ओपन मैच में बाधा डाली. हालांकि बाद में उन्हें अदालत में पेश होने का नोटिस देकर रिहा कर दिया गया लेकिन उन्होंने ऐसी क्या हरकत की थी कि जिससे मैच 50 मिनट तक बाधित हुआ और उन्हें गिरफ्तार करने की नौबत आ पड़ी, जानिएः
नई दिल्लीः भारतीय मूल के 50 वर्षीय शख्स सयाक मुखोपाध्याय को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने यूएस ओपन मैच में बाधा डाली. हालांकि बाद में उन्हें अदालत में पेश होने का नोटिस देकर रिहा कर दिया गया लेकिन उन्होंने ऐसी क्या हरकत की थी कि जिससे मैच 50 मिनट तक बाधित हुआ और उन्हें गिरफ्तार करने की नौबत आ पड़ी, जानिएः
स्टेडियम से चिपका लिए थे अपने पैर
दरअसल जलवायु परिवर्तन के विरोध में यूएस ओपन में सयाक ने स्टेडियम के फर्श पर अपने पैर चिपका दिए. शख्स ने कहा कि यह अन्य तरीकों की तरह लोगों तक सीधे संदेश पहुंचाने का एक प्रभावी तरीका था. सात सितंबर को सयाक मुखोपाध्याय को अमेरिकी कोको गौफ और चेक कैरोलिना मुचोवा के बीच यूएस ओपन टेनिस मैच में लगभग 50 मिनट तक बाधा डालने के बाद आर्थर ऐश स्टेडियम में गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस को हटाना हुआ मुश्किल
वह और ग्रुप एक्सटिंक्शन रिबेलियन एनवाईसी के दो अन्य लोग 'जीवाश्म ईंधन समाप्त करो' के नारे लगाते चिल्लाते हुए खड़े हो गए. इससे पहले कि उन्होंने अपने जूते उतार दिए और अपने पैरों को फर्श से चिपका लिया. इससे पुलिस के लिए उन्हें हटाना मुश्किल हो गया. उन्होंने न्यूयॉर्क पोस्ट को बताया, 'जलवायु परिवर्तन आंदोलन के दौरान प्रदर्शन और बैंकों को अवरुद्ध करने तक सब कुछ करने की कोशिश की है, लेकिन उनमें से कोई भी इतना प्रभावी नहीं रहा.'
नोटिस देकर किया गया रिहा
यूएस ओपन के इस मैच में जीत हासिल करने वाली कोको गौफ ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह इस हरकत पर 'बहुत क्रोधित' नहीं हो सकतीं क्योंकि 'यह शांतिपूर्ण तरीके से किया गया था.' न्यूयॉर्क पुलिस विभाग के अनुसार, मुखोपाध्याय पर अतिक्रमण का आरोप लगाया गया था. उन्हें अदालत में पेश होने का नोटिस देकर रिहा कर दिया गया.
'भारत के साथ हो रहा जलवायु अन्याय'
एक्स सोशल मीडिया पर एक्सटिंक्शन रिबेलियन एनवाईसी पोस्ट के अनुसार, मुखोपाध्याय 25 साल पहले अपने कोलकाता से न्यूयॉर्क चले गए थे. इसमें उनके हवाले से कहा गया है कि वह भारत में लोगों के साथ हो रहे जलवायु अन्याय से भयभीत हैं, जिन्हें विकसित देशों की ओर से उत्पादित उत्सर्जन के कारण होने वाले जलवायु परिवर्तन की कीमत चुकानी पड़ती है.
उन्होंने कहा, 'भारत एक ऐसी चीज है, जिसके बारे में मैं लगातार सोचता रहता हूं क्योंकि मैं वहां बड़ा हुआ हूं और मैं इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हूं कि वहां संसाधन खपत और ऊर्जा खपत का स्तर कितना कम है.' उन्होंने कहा, लेकिन गंगा डेल्टा के लोग 'वैश्विक उत्तर में संसाधनों और ऊर्जा की इस भारी मात्रा की कीमत चुकाने वाले हैं.' यह समूह जलवायु परिवर्तन को लेकर सनसनीखेज विरोध प्रदर्शन आयोजित करता है.
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