बाज़ बेचकर बचेंगे इमरान `बाज`वा?
इमरान खान को चापलूसी पसंद है. इसी चापलूसी के जरिए वो अपने डूबते हुए देश पाकिस्तान की परेशानी कम करने की कोशिश में जुटे हुए हैं. इमरान ने दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम को खुश करने के लिए नई चाल चली है..
नई दिल्ली: इमरान खान ने चापलूसी की सारी हदें पार कर दी हैं. सऊदी अरब, यूएई के टुकड़ों पर पाकिस्तान की गाड़ी खींच रहे इमरान खान उनके शासकों की खुशामद में कोई कसर नहीं छोड़ते चाहे उसके लिए कानून ही क्यों न तोड़ना पड़े. कभी इमरान सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस सलमान के ड्राइवर बन जाते हैं तो कभी दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम को खुश करने के लिए प्रतिबंधित बाज़ पक्षी के निर्यात को मंज़ूरी देते हैं.
इमरान के फैसले के खिलाफ आवाज
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की इमरान खान सरकार संयुक्त अरब अमीरात के वाइस प्रेसिडेंट और दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम को 150 दुर्लभ बाज़ निर्यात करने जा रही है. दुनियाभर के वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट इमरान के इस फैसले के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं. एक्टिविस्ट्स का कहना है कि ये कानून और अंतर्राष्ट्रीय संधि के खिलाफ है. इमरान खान से सवाल पूछा जा रहा है कि जब इन पक्षियों पर बैन है तो इन्हें एक्सपोर्ट करने के लिए क्या तस्करों और अवैध शिकारियों से खऱीदा जाएगा.
आपको बता दें कि इन दुर्लभ बाज़ की मदद से अरब देशों के शिकारी हौबारा पक्षियों का शिकार करते हैं.
बाज़ के निर्यात की इजाज़त
इमरान सरकार ने बाज़ के निर्यात की इजाज़त ऐसे समय पर दी है जब संऊदी अरब ने अपने बचे हुए 2 अरब डॉलर वापस मांगे हैं. यूएई के पाकिस्तान को दिए कर्ज़ की मियाद भी पूरी हो रही है. इसके अलावा यूएई ने पाकिस्तानियों को वीज़ा देने पर प्रतिबंध लगाया है. इससे घबराए इमरान खान ने कानून की परवाह न करते हुए बाज़ के निर्यात को मंज़ूरी दे दी है. जबकि खुद इमरान खान ने ही खैबर पख्तूनख्वा में बाज़ के शिकार पर बैन लगाया है.
अंतर्राष्ट्रीय कानून के मुताबिक बाज़ पक्षी संरक्षित जीव है और इसके निर्यात पर बैन है लेकिन पाकिस्तान की इमरान सरकार ने अपने देश की डूबती नैया को पार लगाने के लिए इन बेजुबानों की बलि दे दी है. अरब के शिकारी अब इन बाज को अपने बूढ़े हो चुके बाज की जगह इस्तेमाल करेंगे. खुद पाकिस्तान में ही बाज़ की बिक्री प्रतिबंधित है और इसका व्यापार गैर कानूनी है, लेकिन इमरान खान को इसकी कोई परवाह नहीं.
कैसा दिखता है हुबौरा तिलोर पक्षी?
2014 में पाकिस्तान की एक अदालत ने बाज के निर्यात और हौबारा के शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया था तो सऊदी अरब और यूएई के साथ उसके संबंध रसातल में चले गए थे. हुबौरा तिलोर पक्षी शर्मीला लेकिन बेहद खूबसूरत होता है और आकार में टर्की चिड़िया जैसा दिखाई देता है. हर साल सर्दियों के मौसम में ये मध्य एशिया से उड़कर पाकिस्तान आते हैं.
उसी समय अरब देश के रईसजादे और सरकार से जुड़े लोग बाज़ की मदद से हुबौरा का शिकार करने पाकिस्तान पहुंचते हैं. वन्य जीव संरक्षण को लेकर काम करने वाले लोगों के हंगामे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में विदेशी वीआईपी मेहमानों को शिकार की अनुमति देने पर रोक लगा दी थी. प्रतिबंध उस रिपोर्ट के बाद लगाया गया जिसमें कहा गया था कि तीन हफ्ते के शिकार पर आए सउदी प्रिंस ने क़रीब 2,100 पक्षियों का शिकार किया, जबकि उन्हें 100 पक्षियों के शिकार का परमिट दिया गया था. पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत को शिकार के हर सीज़न में कम से कम 2 अरब रुपये की कमाई होती है.
भारी दबाव के बीच आखिरकार पाकिस्तान सरकार को झुकना पड़ा और उसने बाज़ के निर्यात की अनुमति दे दी. ठीक उसी तरह जब यूएई ने पाकिस्तान के कान उमेंठे तो इमरान खान ने बाज़ के निर्यात की विशेष अनुमति दे दी ताकि गले तक कर्ज़ में डूबे मुल्क को कुछ राहत मिल सके.
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