नई दिल्ली.  ये एक बहुत बड़ा बदलाव है और एक ऐतिहासिक परिवर्तन भी माना जा सकता है. तालिबान जैसा चरमपंगी समूह जो अमेरिका की सेनाओं से भी नहीं डरा, आज ये कहने पर विवश है कि हम भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे. आईएसआई और पाकिस्तानी आतंकी समूहों के लिए ये इस साल का सबसे बड़ा निराशाजनक समाचार है. 


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भारत के विरुद्ध कोई हिंसक कार्रवाई नहीं  


अमेरिका भी इस समाचार से हैरत में पड़ जाएगा. जिस तालिबान को अमेरिकन आर्मी काबू नहीं कर पाई उसे भारत ने बिना हथियार उठाये ही काबू में कर लिया है. यह तालिबान के रुख में बड़े बदलाव का संकेत कहा जा सकता है. तालिबान ने कहा है कि हम भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे और न ही हम भारत के विरुद्ध कोई हिंसक आंदोलन करने जा रहे हैं. 


भारत है अफगानिस्तान शांति वार्ता का एक पक्ष 


अब फिर से अफगानिस्तान शांति वार्ता को लेकर अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियां फिर से परवाज भरने लगी हैं. इसके साथ ही ये बड़ी खबर भी आई है कि तालिबान भारत के प्रति नकारात्मक या विरोधी रुख त्याग दिया है. इस तरह तालिबान ने भारत को अफगानिस्तान शांति वार्ता के एक पक्ष के तौर पर अपनी स्वीकृति दे दी है.  


तालिबान पर भारत सशंक है 


भारत तालिबान के इस बदले रुख को उसका स्थाई व्यवहार नहीं मानता इसलिये तालिबान के इस बयान पर भारत की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. वास्तविकता यह भी है कि हाल ही में पाकिस्तानी अखबार में खबर छपी थी कि तालिबान ईद के बाद भारत पर हिंसक हमला करने की घोषणा की है. खबर में इस तथ्य को भी सुर्खियों में शामिल किया गया था कि तालिबान ने भारत में जेहाद करने का ऐलान किया है और वह कश्मीर को आजाद कराना चाहता है.


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