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नई दिल्ली. कोरोना कंट्री ने दुनिया को दिया है कोरोना. इसलिए कोरोना वायरस की बजाये अगर इसे चीन का कोरोना कहें तो बिलकुल सही होगा. अभी तक चीन से इस बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है कि आखिर कोरोना फैला कैसे. 



 


इंसानियत के वजूद पर खतरा 


दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से अचानक कोरोना नामक एक खतरनाक वायरस के संक्रमण फैलने की खबर आई बहुत जल्दी ही इस संक्रमण ने पूरे हुबेई प्रदेश को अपनी चपेट में ले लिया. हुबेई से बाहर जाने वाले लोग चाहे चीन में कहीं जा रहे हों या चीन से बाहर, अपने साथ संक्रमण ले कर गए और फैलाते चले गए कोरोना वायरस. 


जेलों में भी फैल गया संक्रमण 


अब तो हालत ये है कि इस वायरस का संक्रमण चीन की जेलों में फैलने की खबर आई है और इस पर चीनी राष्ट्रपति का कहना कि इस बीमारी का भयानक रूप अभी आना बाकी है, बहुत ही डरावना संकेत है.  चीन के आंकड़े भरोसे के लायक नहीं फिर भी उनके अनुसार चीन में अब तक करीब 2300 लोगों की मौत हुई है. 



 


क्या छिपाने की कोशिश है चीन की?


कुछ तो गड़बड़ है, क्या छिपाने की कोशिश है चीन की? कोरोना को लेकर चीन की गतिविधियां संदेहास्पद हैं. चीन पर उनके देश की ही एक बड़ी कम्पनी ने कोरोना संक्रमण के गलत आंकड़े देने अर्थात सही आंकड़े छुपाने का आरोप लगा था.  चीन लगातार आंकड़े छुपाने का काम तो कर ही रहा है बल्कि उसने उस चिकित्सक को भी प्रताड़ित किया जिसने सबसे पहले इस खतरनाक वायरस के सक्रिय होने की आशंका जताई थी. अब जब पिछले चार दिनों से चीन भारत के विमान को चीन में प्रवेश नहीं करने दे रहा है, तो इस बात से इसकी आशंका बढ़ गई है कि कुछ तो गड़बड़ है, क्या छिपाने की कोशिश है चीन की? 


अर्थ्यव्यवस्था पर भी फैला संकट 


कोरोना के कारण विश्व पर मंदी के संकट के आसार नज़र आ रहे हैं. दुनिया के सभी देशों को जल्दी ही मिल कर कुछ कदम उठाने होंगे कि हम चीन की डूबती अर्थव्यवस्था पर निर्भरता को खत्म करने के प्रयास करें, अन्यथा चीन की मंदी दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए बुरी खबर बन सकती है.


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