दुनिया पर मंडरा रहा है कोरोना का खतरनाक साया: तीन सबसे ज़रूरी कदम
इससे पहले कि दुनिया के हर देश पर कोरोना महामारी की मार पड़े, सभी को सचेत हो जाने की ज़रूरत है. इतना ही नहीं बड़े और ज़िम्मेदार देशों को इस पर आपातकालीन बैठक करनी चाहिए ताकि आगे बिगड़ने वाली हालत को पहले से ही सम्हाला जा सके..और सम्भव हो तो दुनिया का हर देश में इस आपात बैठक में शामिल हो..
नई दिल्ली. शायद दुनिया में कोरोना वायरस को हल्के में लिया जा रहा है इसलिए सभी देश चीन में फ़ैल रहे इस वैश्विक संकट के प्रति लापरवाह नज़र आ रहे हैं. दुनिया के हर देश को तीन सबसे ज़रूरी बातें समझनी होंगी ताकि चीन का कोरोना दुनिया के मानव अस्तित्व के लिए महामारी न बन जाए.
हवाई अड्डे तुरंत बंद किये जाएं
चीन का कोरोना दुनिया को न खा जाए इस दिशा में दुनिया को सोचना ही होगा. कोरोना वायरस चाहे विकसित किया गया हो या अपने-आप पैदा हुआ हो, अब धीरे-धीरे नियंत्रण-रेखा को पार कर रहा है. जो दुनिया के देश इसके प्रति बेपरवाह बने हुए हैं उन्हें जल्दी ही इससे बचने के कदम पहले ही उठा लेने चाहिए क्योंकि हर देश के लोग हर देश की यात्रा कर रहे हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमण को रोकने का सबसे बड़ा जरिया ये होगा कि आप अपने हवाई अड्डे तुरंत बंद कर दें और विदेश जाने और विदेश से आने वालों को रोक दिया जाए.
कोरोना के दुनियावी संकट पर हो आपात-बैठक
दुनिया के सभी देशों को आपात-बैठक बुला कर तुरंत बात करनी होगी. इस मीटिंग में हर देश के राष्ट्राध्यक्ष या प्रतिनिधि का होना अनिवार्य किया जाए क्योंकि यह दुनियावी संकट का मामला है. कोरोना वायरस से बचाव और नियंत्रण इस आपात बैठक का मुद्दा हो और इसमें सभी देश अपने राष्ट्राध्यक्षों या प्रतिनिधियों के माध्यम से कोरोना और उसके प्रभाव पर नियंत्रण हेतु बात करें.
वैश्विक कोर कमेटी का त्वरित गठन
वैश्विक स्तर पर अनुशासित और सुनियोजित कार्रवाई के लिए एक वैश्विक कोर कमेटी का त्वरित गठन किया जाए. विश्व के सभी देश इस कोर कमेटी के संयोजन सहित इस आपात बैठक में कोरोना वायरस से बचाव और नियंत्रण को प्रमुख विषय बना कर इसके वर्तमान और भावी स्थितियों से निपटने के लिए पहले से ही रणनीति बना ली जाए. दो वैश्विक संगठनों को आपात उत्तरदायित्व अपने कंधों पर लेना होगा एक होगा वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाज़ेशन और दूसरा इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड. स्वास्थ्य और आर्थिक मोर्चों पर अब देशों को एक होना होगा क्योंकि अगर अभी एक न हुए तो कभी होने लायक बचेंगे भी नहीं.
आंकड़ों के स्तर पर पारदर्शिता
चाहे मीडिया में इस बात को न लाया जाए ताकि आम जन जीवन में भगदड़ न मचे, किन्तु हर देश को अपने यहां कोरोना संक्रमण के सही आंकड़े एक वैश्विक मंच पर सभी प्रतिनिधियों की जानकारी हेतु रखने होंगे ताकि उसी अनुसार आगे की कार्रवाई तय की जा सके . आवश्यकता के अनुसार सभी ज़रूरी सावधानियों जनता के बीच अच्छी तरह से पहुंचाई जाएं और सुनिश्चित किया जाए कि इन अनिवार्य निर्देशों पर जनजीवन में पूरी तरह से अमल हो.
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