मनोज जोशी/चंडीगढ़: राजधानी चंडीगढ़ पुलिस की नाक के नीचे हर महीने करोड़ों रुपयों की ठगी हो रही थी. इसे लेकर चंडीगढ़ पुलिस ने ना कोई ठोस कदम उठाया और न कोई प्लानिंग बनाई. इमिग्रेशन ठग आते थे, कुछ महीनों के लिए शोरूम किराए पर लेते थे और लोगों को विदेश भेजने के सपने दिखाकर लाखों-करोड़ों रुपये जेब में भरकर रातो रात कंपनी को ताला लगाकर फरार हो जाते थे और फिर कुछ दिनों बाद उसी एरिया में नया ऑफिस और नया इमिग्रेशन का नाम रखकर कंपनी खोल दी जाती थी. पुराना स्टाफ इस नई कंपनी में फिर कुछ महीनों के लिए ठगी मारता और फिर रातो रात कंपनी बंद करके फरार हो जाता. 


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चंडीगढ़ के सेक्टर 34 में यह सिलसिला काफी समय से चल रहा था, हालांकि सेक्टर-17, 22, 35, 40, 41, 47, 20 समेत ऐसे कई सेक्टर एरियां हैं जहां इमिग्रेशन के दर्जनों ऑफिस खुले हुए हैं. क्राइम ब्रांच दिल्ली की टीम ने ऐसी कई शिकायतें मिलने के बाद सोमवार को सेक्टर-34 से ऐसे ही एक इमिग्रेशन संचालक को पकड़ा. 


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आरोपी का नाम तरुण कुमार है जो पिछले 8 साल से चंडीगढ़ में इमिग्रेशन की कंपनियां चला रहा था. आरोपी इससे पहले मोहाली फेज-9 में ऑफिस चला रहा था. इसे लेकर सेक्टर-34 पुलिस में डीडीआर भी दर्ज की गई. सूत्रों के अनुसार, क्राइम ब्रांच दिल्ली की टीम ने सीधा आरोपी की 'चंडीगढ़ टू एब्रॉड' कंपनी पर छापा मारा. 


क्राइम ब्रांच की टीम सीधा सेक्टर-34 थाना नहीं गई, क्योंकि ऐसा करने से इंफोर्मेशन लीक हो सकती थी और आरोपी तरुण क्राइम ब्रांच को चकमा दे सकता था. टीम ने मौके पर पहुंचते ही आरोपी को पकड़ लिया और ऑफिस में छानबीन करनी शुरू कर दी. टीम को यहां से करीब 65 वीजा मिले, जिन्हें क्राइम ब्रांच की टीम ने कब्जे में ले लिया है. सूत्रों के अनुसार, ऑफिस से कई जाली पासपोर्ट भी मिले हैं, जिनमें से 15 पासपोर्ट पर वीजा भी लगा पाया गया है. 


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इसके 20 के करीब कारिंदे भी हैं, जिनके नाम पर कंपनी खोली जाती थीं. सूत्रों के अनुसार, आरोपी तरुण ने अपने स्टाफ में करीब 20 कारिंदे युवक रखे हुए हैं जो पिछले कई वर्षों से उसके साथ ही काम रहे हैं. हालांकि अब क्राइम ब्रांच दिल्ली की टीम तरुण की प्रॉपर्टी का भी आंकलन करेगी, क्योंकि सेक्टर-82 जेएलपीएल एयरपोर्ट रोड पर इसके कई शोरूम बताए गए हैं. 


यह शोरूम किसके नाम पर हैं और कब खरीदे गए, इसे लेकर भी क्राइम ब्रांच दिल्ली जांच करेगी. इमिग्रेशन कंपनी संचालक पीड़ित लोगों को विश्वास दिलवाने के लिए उनके मेडिकल टेस्ट तक करवाती थी. क्राइम ब्रांच की टीम अब आरोपी तरूण के माध्यम से इन लैब संचालको तक भी पहुंचने का प्रयास कर रही है. 


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