Atul Subhash Death: बेंगलुरु में एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की खुदकुशी मामले में भाई की शिकायत पर बेंगलुरु पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है. पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 और धारा 3(5) के तहत केस दर्ज किया है. उत्तर प्रदेश में जौनपुर के सॉफ्टवेयर इंजीनियर के आत्महत्या मामले में डीसीपी शिव कुमार गुनारे ने कहा कि बेंगलुरू में अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर ली. मृतक अतुल के भाई ने मराठाहल्ली थाने में शिकायत दी है.


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इसके साथ ही बताया कि अतुल की पत्नी के भाई के खिलाफ उत्तर प्रदेश में कई कानूनी मामले चल रहे हैं. उसकी पत्नी और उसके परिवार के सदस्यों ने इन मामलों को निपटाने के लिए पैसे की मांग की थी. उन्होंने अतुल सुभाष को परेशान किया, जिससे तंग आकर उसने आत्महत्या कर ली. डीसीपी शिव कुमार गुनारे ने कहा कि हमने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना), धारा 3(5) (जब दो या ज्यादा लोग शामिल हों तो सामूहिक जिम्मेदारी बनती है) के तहत मामला दर्ज किया है.


बता दें, अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को खुदकुशी कर ली थी. वह काफी परेशान था. मरने से पहले उसने एक घंटे 20 मिनट का वीडियो रिकॉर्ड किया. उसका कहना था कि क्योंकि मामला जौनपुर की अदालत में चल रहा है, इसलिए उसे बार-बार वहां जाना पड़ता है. इतना ही नहीं अदालत के आदेश पर अतुल हर महीने बेटे के भरण पोषण के लिए 40 हजार रुपये भी दे रहे थे. हालांकि, अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया की तनख्वाह 78 हजार रुपये है.


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इंजीनियर ने तंग आकर बेंगलुरू में आत्महत्या कर ली. उन्होंने 23 पेज का सुसाइड नोट भी लिखा और वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया. अतुल ने पत्नी निकिता सिंघानिया, सास, साले और मामले की सुनवाई कर रही जज पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. अतुल सुभाष ने वीडियो मैसेज में बताया कि जौनपुर की फैमिली कोर्ट में सदर कोतवाली के मोहल्ला रुहट्टा निवासी पत्नी निकिता सिंघानिया ने चार मुकदमे दर्ज कराए थे. पत्नी ने आरोप लगाया था कि 26 जून 2019 को उसकी शादी अतुल से हुई थी. शादी के बाद से ही ससुराल के लोग दस लाख रुपये दहेज की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित करते थे. इसी सदमें के कारण उसके (पत्नी के) पिता की मौत हो गई. परिवार वालों के समझाने पर अतुल उसे बेंगलुरू ले गया. 20 फरवरी 2020 को उसे एक बेटा हुआ. इसके बावजूद प्रताड़ना जारी रही. 17 मई 2021 को उसे पीटकर घर से निकाल दिया गया, तब से वह अपने बच्चे के साथ मायके में रह रही है.


निकिता ने कोर्ट को बताया था कि अतुल बेंगलुरु में एक कंपनी में इंजीनियर है. उसका सालाना पैकेज 40 लाख रुपये है. उसने 16 जनवरी 2022 को अपने और बेटे के लिए हर महीने दो लाख रुपये भरण पोषण की मांग करते हुए फैमिली कोर्ट में केस दर्ज करवाया था, जबकि निकिता की तनख्वाह भी ठीक ठाक थी.


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29 जुलाई 2024 को कोर्ट ने अतुल को आदेश दिया था कि वह बेटे के भरण पोषण के लिए हर महीने 40 हजार रुपये देगा. दहेज उत्पीड़न के मुकदमे में भी अतुल ने कोर्ट में हाजिर होकर जमानत कराई थी. घरेलू हिंसा का मुकदमा अभी चल रहा है. मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होनी थी. हालांकि, उसने इससे पहले ही आत्महत्या कर ली.


(आईएएनएस)


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