Crime News: हिमाचल प्रदेश में इस टेकनिक के जरिए आसानी से पकड़े जाएंगे अपराधी
Crime News: अब हिमाचल प्रदेश में चोरी, दुष्कर्म, साइबर क्राइम या फिर किसी भी तरह के अपराधियों को पकड़ने के लिए डिजिटल एविडेंस का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए रीजनल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (आरएफएसएल) नॉर्दन रेंज धर्मशाला रेफर किए जा रहे हैं.
विपन कुमार/धर्मशाला: चाहे साइबर क्राइम हो, दुष्कर्म हो, हत्या, पोक्सो या फिर धोखाधड़ी का कोई भी आपराधिक मामला, अब हर अपराध के डिजिटल एविडेंस जांच के लिए रीजनल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (आरएफएसएल) नॉर्दन रेंज धर्मशाला रेफर किए जा रहे हैं. यही नहीं अब तो चोरी के मामलों में भी डिजिटल एविडेंस कलेक्ट किए जा रहे हैं, जिससे लोकेशन और डाटा एनालिसिस के आधार पर चोरों का पता लगाया जा सकेगा. साइबर क्राइम के मामलों में डिजिटल एविडेंस जो पुलिस द्वारा पकड़े जाते हैं, उन्हें आरएफएसएल लैब में रेफर किया जाता है. दुष्कर्म, हत्या, पोक्सो, धोखाधड़ी के एविडेंस भी लैब को भेजे जा रहे हैं.
चोरी के मामले सुलझाने के लिए लिया जा रहा डिजिटल एविडेंस का सहारा
लैब को अब डिजिटल एविडेंस चोरी के मामलों में भी मिल रहे हैं. जांच एजेंसियां चोरी के मामलों में भी डिजिटल एविडेंस इकट्ठे कर रही हैं, जिससे लोकेशन आंकलन और डेटा आंकलन के आधार पर चोरी की घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों के बारे में जानकारी हासिल की जा सकेगी. मौजूदा समय में डिजिटल एविडेंस हर प्रकार के अपराधों के मामलों में फॉरेंसिक लैब के पास पहुंच रहे हैं.
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क्यों लिया जा रहा डिजिटल एविडेंस का सहारा
गौरतलब है कि जिस तरह से अपराधी और शातिर अपराधी ठगी के नए-नए तरीके ढूंढ रहे हैं, इसी को देखते हुए अब आपराधिक मामलों को सुलझाने के लिए फॉरेंसिक साइंस भी नए तरीके अपना रहा है. फॉरेंसिक साइंस के माध्यम से डिजिटल एविडेंस के आधार पर इस तरह के मामलों को सुलझाया जाएगा.
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वर्तमान में डिजिटल एविडेंस के आधार पर सुलझाए जा रहे आपराधिक मामले
वहीं, आरएफएसएल नॉर्दन रेंज धर्मशाला की डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मीनाक्षी महाजन ने बताया कि साइबर क्राइम के मामलों में डिजिटल एविडेंस जो पुलिस द्वारा पकड़े जाते हैं उन्हें आरएफएसएल लैब को रेफर किया जाता है. इस समय ज्यादातर दुष्कर्म, हत्या, पोक्सो, धोखाधड़ी के एविडेंस लैब को मिल रहे हैं. अब चोरी के मामलों में भी डिजिटल एविडेंस लैब में आ रहे हैं. कुल मिलाकर डिजिटल एविडेंस वर्तमान में हर प्रकार के अपराधों के मामलों में फॉरेंसिक लैब के पास पहुंच रहे हैं.
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