देवेंद्र भारद्वाज/गुरुग्राम : फर्जी दस्तावेज के जरिए 35 करोड़ रुपये के गबन मामले में पुलिस ने संतोष यूनिवर्सिटी के चेयरमैन डॉ. पी.महालिंगम के बेटे डॉ. संतोष महालिंगम को गिरफ्तार किया है. गबन का आरोप डॉ. पी.महालिंगम और डॉ. संतोष महालिंगम समेत 6 लोगों पर लगा है. डीएलएफ फेज 3 थाना पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. 


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एक जमीन पर पहले ही लिया लोन 


पुलिस के मुताबिक डॉ पी महालिंगम ने फाइनेंस कंपनी में गाजियाबाद की जिस 60 एकड़ जमीन को गिरवी कर रखा था, उस पर हुडको से 75 करोड़ और  एसजीएस कंपनी से 10 करोड़ पहले ही लोन ले रखा है.


पीएम फिनकैप लिमिटेड के निदेशक राजेश गुलाटी ने 2 जुलाई को डीएलएफ फेज 3 थाने में संतोष यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों के खिलाफ शिकायत दी थी.शिकायत में संतोष यूनिवर्सिटी के संस्थापक चेयरमैन डॉ.पी महालिंगम, निदेशक डॉ. संतोष महालिंगम, संतोष ट्रस्ट तथा महाराज जी एजुकेशनल ट्रस्ट बोर्ड के सदस्य डॉ. पुधुर मनिकोम के अलावा डॉ पी महा लिंगम की बेटी शर्मिला आनंद पर 35 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया था. पुलिस ने इस मामले में संतोष महालिंगम को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है.


ऊंचा रसूख दिखाकर लिया था लोन 


एसीपी साइबर क्राइम करण गोयल के मुताबिक गुलाटी ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने मैसर्स एसीबी (इंडिया ग्रुप) की नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी से मार्च 2015 में रसूखदारी का प्रमाण देते हुए और राजनीतिक और अन्य प्रसिद्ध हस्तियों के साथ फोटो दिखाकर उनकी कंपनी से 35 करोड़ रुपये का लोन लिया था. इस लोन के एवज में उन्होंने अकबरपुर, बेहरामपुर, मिर्जापुर की कृषि भूमि व फ्लैट के दस्तावेज सिक्योरिटी के रूप में कंपनी के पास रखे थे.


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2015 तक लोन वापस करने का भरोसा दिया था 


आरोपियों ने एग्रीमेंट में सितंबर 2015 तक ब्याज सहित लोन वापस करने का भरोसा दिलाया था, लेकिन आरोपियों ने निर्धारित समय तक लोन वापस नहीं किया. इसके विपरीत लोन की अदायगी की मांग करने पर विभिन्न आपराधिक तरीकों से दबाव बनाने की कोशिश की गई. इतना ही नहीं आरोपी विभिन्न राजनीतिक हस्तियों के नाम पर धमकाने लगे.


आरोपी 5 दिन की रिमांड पर 


पुलिस ने संतोष महालिंगम को गिरफ्तार करने के बाद 5 दिनों की रिमांड पर लिया है. इस पूरे मामले को लेकर पुलिस अन्य आरोपियों की भी तलाश कर रही है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच कर तथ्य जुटाए जा रहे हैं. आरोपियों ने अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जो खारिज हो गई है. इस मामले में और भी आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है.