देवेंद्र भारद्वाज/गुरुग्रामः रूसी हमले के बीच यूक्रेन में फंसे भारत के हजारों छात्र-छात्राओं को निकालने के लिए जहां विदेश मंत्रालय तमाम तरह के प्रयास करने में जुटा है तो वहीं दूसरी और तकरीबन 2000 बच्चे ऐसे है जो हरियाणा से है और यूक्रेन में फंसे हुए हैं. इसको लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है.


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बता दें कि गुरुग्राम पहुंचे इनेलो नेता अभय चौटाला ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार बीते 1 महीने से चुनाव में व्यस्त है. इसलिए उन्होंने अभी तक बच्चों को वहां से नहीं निकाला, जब सरकार को पता था कि रूस किसी भी वक्त यूक्रेन में हमला कर सकता है तो समय रहते बच्चों को वहां से क्यों नहीं निकाला.


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वहीं, बीते दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और गृह मंत्री अनिल विज ने प्रेस वार्ता कर हरियाणा में बढ़ते नशे पर चिंता जाहिर की थी जिस पर अभय चौटाला ने सरकार को घेरते हुए कहा कि सर्वे रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा नशे में पहले पायदान पर है. यही नहीं अभय चौटाला का दावा है कि उन्होंने सीएम खट्टर को पहले भी कई सबूत दिए थे


उन्होंने कहा कि जिन सबूतों से साफ हो रहा था कि खुद सरकार और भाजपा से जुड़े लोग इस गोरखधंधे को अंजाम दे रहे थे. अभय चौटाला ने कहा कि सबूतों के बावजूद मुख्यमंत्री ने ऐसे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की. गुरुग्राम के सेक्टर-109 स्थित चींटल पारा डिसो सोसाइटी में हुए हादसे के मामले में अभय चौटाला ने हरियाणा सरकार के अधिकारियों को भी घेरा.


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चौटाला ने कहा कि जब बिल्डिंग बनाई जा रही थी तब उसकी निर्माण सामग्री की जांच क्यों नहीं की गई. अभय  चौटाला ने सोसायटी के बिल्डर के खिलाफ और एनओसी देने वाले अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने की भी बात कही है. वहीं गुरमीत राम रहीम को Z+ सुरक्षा देने के मामले पर भी चौटाला ने कहा कि विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया जाएगा और सरकार से पूछा जाएगा कि आखिरकार Z+ सुरक्षा गुरमीत राम रहीम को किस आधार पर दी गई है.


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