Interesting News in Hindi: यमुनानगर जिले के गांव छज्जू नगला के रहने वाले 10 महीने के बच्चे हर्षित की बेड से फर्श पर गिरकर मौत हो गई .परिवार ने हर्षित को बचाने की लाख कोशिश की, लेकिन कुछ नहीं हो सका. 


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परिवारवालों ने पहले जिले के प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराया. आराम ना होते देखकर परिवार चंडीगढ़ पीजीआई पहुंचा, लेकिन फिर भी बात नहीं बनी. बता दें, 12 जुलाई को चोट लगने के बाद ठीक 1 सप्ताह बाद हर्षित 19 जुलाई को चंडीगढ़ पीजीआई में दम तोड़ दिया. 


इस सदमे से परिवार पूरी तरह टूट गया, लेकिन हर्षित की मौत के बाद परिवारवालों ने ऐसी बहादुरी दिखाई जिसे सुनकर हर कोई हैरान था क्योंकि हर कोई ऐसा नहीं कर सकता. परिवार ने 10 महीने के हर्षित की दोनों किडनी और लीवर चंडीगढ़ पीजीआई में डोनेट कर दी. जिससे 2 लोगों की जान बच सकती है. हांलाकि हर्षित के आकस्मिक मौत से परिवार तो पूरी तरह से टूटा हुआ है, लेकिन किडनी और लीवर डोनेट करने के बाद हर्षित को परिवार अभी भी जिंदा माने हुए है.


हर्षित के पिता एक इलेक्ट्रिशन है. बेटे को बचाने के लिए 7 सप्ताह दिन रात एक किया, लेकिन शायद होनी को यही मंजूर था.अनिल कुमार ने बताया कि घर में बेड से गिरने के बाद बेटा हर्षित बेहोश हो गया. निजी अस्पतालों में इलाज कराया, लेकिन ट्रीटमेंट सही ना होने से परिवार ने चंडीगढ़ का रूख किया. 


जब वहां डॉक्टरों ने हाथ खड़े किए तो उन्होंने सोचा क्यों ना किडनी और लीवर को डोनेट किया जाए ताकि ये किसी जरूरतमंद के काम आ सके. हर्षित की मौत से मां पूरी तरह से टूट चुकी है. उनके पास बोलने के लिए शब्द नहीं है. दादी हाथ में हर्षित की फोटो लेकर पोते के साथ बिताए दिन यादकर अपने आंसू नहीं रोक पा रही है. फिलहाल परिवार हर्षित को अपनी आंखों से ओझल होता हुआ नहीं देख पा रहा है, लेकिन परिवार के इतने बड़े फैसले की हर कोई सराहना कर रहा है.