हमीरपुर की 13 पंचायतों ने नगर निगम में शामिल होने पर जताई आपत्ति, उपायुक्त से की मुलाकात
Hamirpur News: बोहनी, नेरी और बस्सी झनियारा , अमरोह व धरोग पंचायत के लोग अपनी मांग को लेकर उपायुक्त के दरबार पहुंचे. उन्होंने कहा पंचायत में कई गरीब परिवार हैं. ऐसे में नगर निगम में शामिल होने से उनपर टैक्स का बोझ पड़ेगा.
Hamirpur News: ग्राम पंचायत बोहनी, बस्सी झनियारा नेरी पंचायत के गांव नेरी व नेरी हर्बल के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम में शामिल न करने की मांग का लेकर उपायुक्त से मिला. काफी संख्या में तीनों पंचायतों के लोग एकत्रित होकर उपायुक्त कार्यालय पहुंचे.
ग्रामीणों का कहना है कि नगर निगम में शामिल करने से लोगों पर टैक्स का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. गांवों में गरीब परिवार रहे हैं. ऐसे में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ेगा. दोनों पंचायत के प्रतिनिधिमंडल ने मांगपत्र उपायुक्त हमीरपुर को सौंपा.
ग्रामीणों ने बताया कि 23 नवंबर 2024 को शहरी विकास विभाग ने अधिसूचना जारी की है, जिससे स्पष्ट हो रहा है कि धलोट पंचायत के अंतर्गत आने वाले गांवों को नगर निगम हमीरपुर में शामिल किया जा रहा है. इलाका वासी नगर निगम हमीरपुर में शामिल नहीं होना चाहते. लोगों का कहना है कि पंचायती राज संस्थाओं में लोगों की सहभागिता ज्यादा रहती है तथा प्रत्यक्ष रूप से पंचायतों के साथ जुड़े हुए हैं. पंचायत के सभी विकास कार्यों में ग्रामीणों की सहभागिता होती है. शहरीकरण से ठेकेदारी प्रथा शुरू हो जाएगी.
बता दें, कि जिला हमीरपुर में 11 पंचायतों को नगर गत दिन दडूही पंचायत और बजूरी , गसोता , दरबैली, बलौंगनी, धलोट, बरोहा व भरनांग पंचायत ओर अब बोहनी, बस्सी झनियारा नेरी पंचायत के गांव नेरी, धरोग व अमरोह पंचायत के ग्रामीण उपायुक्त हमीरपुर के कार्यालय में पहुंचे. ग्रामीणों नगर निगम में शामिल किए जाने पर विरोध कर उपायुक्त हमीरपुर को सौंपा ज्ञापन.
ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत में गरीब लोग रहते है जो नगर निगम में शामिल होने पर नगर निगम का भारी भरकम टैक्स का भुगतान नहीं कर सकते है. ग्रामीणों ने उपायुक्त से मांग की है कि लोगों को पंचायतों में ही रहने दिया जाए.
वहीं, अमरोह पंचायत के रोशन लाल ने कहा कि अमरोह पंचायत के दो गांव छवोट ओर चुनाहल के लोग नगर निगम में नहीं जाना चाहते है. उन्होंने कहा कि दोनों गांवों को नगर निगम से बाहर निकाला जाए. वहीं धरोग पंचायत के प्रधान चंद्र शेखर ने बताया कि कैहडरु गांव के लोग नगर निगम में शामिल नहीं होना चाहते है.
उन्होंने कहा कि नगर निगम में शामिल होने का बाद लोगों को जो पंचायतों में मूलभूत सुविधाएं मिलती थी वो अब नगर निगम में शामिल होने का बाद नहीं मिल पाएगी. वहीं, पंचायत बोहनी के राज कुमार ने बताया कि बोहनी गांव को नगर निगम में शामिल किया जा रहा है. ग्रामीण नगर निगम में शामिल नहीं होना चाहते. गांव में गरीब परिवार रहते हैं तथा नगर निगम में शामिल होने से इनके ऊपर टैक्स का बोझ पड़ेगा. लोग मनरेगा में दिहाड़ी लगाकर, पशुपालन से जीवन यापन करते हैं.
वहीं, बस्सी झनियारा पंचायत के स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि ग्रामीण नगर निगम में शामिल नहीं होना चाहते. गांवों में गरीब परिवार रहते हैं तथा नगर निगम में शामिल होने से इनके ऊपर टैक्स का बोझ पड़ेगा. लोग मनरेगा में दिहाड़ी लगाकर, पशुपालन से जीवन यापन करते हैं.
रिपोर्ट- अरविंदर सिंह, हमीरपुर