रहस्यमयी जटोली मंदिर....पत्थरों को थपथपाने से सुनाई देती है डमरू की आवाज!
Adhbhut Himachal Ki Sair: शिव ओहम...यानी मुझमें ही शिव हैं. सावन के पवित्र माह में हम आपको अपनी खास सीरिज के जरिए हिमाचल के प्रसिद्ध शिवालयों की सैर करवा रहे हैं. आज हम एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जहां मंदिर के पत्थरों से डमरू की आवाज आती है...
Adhbhut Himachal Ki Sair: हिमाचल की गोद में भोलेनाथ का एक ऐसा मंदिर हैं, जहां शिव जी साक्षात ठहरे थे. यहां तक मंदिर में पत्थरों को छूने या थपथपाने से डमरू की आवाज सुनाई देती है. चलिए जानते है इस अद्भभुत रहस्य के बार में.
भोलेनाथ का अनोखा चमत्कार...
मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर को रहस्यमयी या चमत्कारी कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा. देव भूमि के सोलन में भगवान शिव को समर्पित जटोली शिव मंदिर स्थित है. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर में मौजूद पथरों को थपथपाने से भगवान शिव के डमरू की आवाज आती है...
त्रिशूल से प्रहार कर जमीन से निकाला पानी
मान्यता है कि एक बार भगवान शिव अपनी यात्रा के दौरान इस स्थान पर रुके थे. यहीं पर उन्होंने विश्राम किया था. कहा जाता है कि कई बरस पहले सोलन के लोगों को पानी की कमी की समस्या से जूझना पड़ रहा था.
पानी की भीषण कमी को देखते हुए और लोगों को इस संकट से उबारने के लिए एक बार स्वामी कृष्णानंद परमहंस ने भगवान शिव की घोर तपस्या की और अपने त्रिशूल से प्रहार कर जमीन से पानी बाहर निकाला. और तब से लेकर आज तक जटोली के लोगों को पानी की कमी का सामना कभी नहीं करना पड़ा...
मंदिर को तैयार होने में 39 साल का लगा समय...
इस मंदिर की खास बात ये भी है कि इस मंदिर को पूरी तरह तैयार होने में करीब 39 साल का समय लगा था. मंदिर में भगवान शिव का 11 फीट लंबा शिवलिंग है. एक विशाल सोने का कलश भी स्थापित किया गया है, जो इसे बेहद खास बनाता है. इस मंदिर की ऊंचाई करीब 111 फीट है और शिव जी के दर्शन के लिए 100 सीढ़ियां चढ़कर जाना पड़ता है.
इस मंदिर की एक और सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर के निर्माण में देश – विदेश के कई महादेव के घर से कोई खाली हाथ नहीं लौटता.