Una News: केंद्रीय मंत्री अमित शाह द्वारा संसद के अंदर संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को लेकर की गई टिप्पणी का विरोध रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ऊना में भी आज दलित संगठनों ने इकट्ठे होकर डॉ भीमराव अंबेडकर को लेकर की गई टिप्पणी के विरोध में केंद्रीय मंत्री अमित शाह के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया और एक रोष रैली निकालकर केंद्रीय मंत्री के खिलाफ अपना गुबार निकाला . 


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इस दौरान केंद्रीय मंत्री अमित शाह को लेकर भी दलित संगठनों द्वारा उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई. मीडिया से रूबरू होते हुए दलित वर्ग से जुड़े लोगों ने जानकारी देते हुए बताया केंद्रीय मंत्री अमित शाह द्वारा संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को लेकर जो टिप्पणी की गई है. उसका वह विरोध करते हैं. 


देश के विकास में संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का अहम योगदान है. उन्होंने दलितों के उत्थान के लिए अनेक कदम उठाए. छुआछूत को खत्म किया. उन्होंने कहा कि डॉक्टर अंबेडकर एक फैशन नहीं है. डॉक्टर अंबेडकर के विचार और उनके आदर्श को याद दिलाता है. सामाजिक न्याय समानता के संघर्ष का प्रतीक है.


डॉक्टर अंबेडकर शोषितों और वंचितओं लोगों के लिए एकजुटता और शक्ति का प्रतीक है. डॉक्टर अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन और न्याय के लिए एक प्रेरणा है. अंबेडकर हमारे जुनून में है क्योंकि डॉक्टर अंबेडकर से पहले जितने भी भगवान हुए उन्होंने हमारा छुटकारा नहीं करवाया. जब से बाबा साहब आए और उन्होंने हमारी लड़ाई लड़ी और हमें गुलामी से आजादी दिलाई.


हमें पानी और शिक्षा के नजदीक नहीं जाने दिया जाता था. अगर कोई सत्संग सुन ले तो उसको कठोर सजा दी जाती थी. हमें देश आजाद होने के बाद भी असली आजादी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने दिलाई है. इसलिए हम उनके अपमान को सहन नहीं करेंगे, दलित संगठनों ने इकट्ठे होकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देने के लिए डीसी ऊना को ज्ञापन भी सौंपा है.  


रिपोर्ट- राकेश मालही, ऊना