देवेंद्र शर्मा/बरनाला: बरनाला जिले के गांव धौला में ट्राइडेंट ग्रुप के आगे भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां द्वारा पानी और हवा को प्रदूषित करने के आरोप में 5 दिवसीय धरना शुरू किया गया है.  


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किसान नेताओं ने बताया ट्राइडेंट ग्रुप द्वारा केमिकल युक्त पानी अपनी फैक्ट्री के अंदर बोर कर धरती के नीचे डाला जा रहा है. जिससे आसपास के कई गांवों के खेतों में लगे ट्यूबेल से केमिकल युक्त और दुर्गंध वाला पानी आ रहा है. जिससे फसलों का तो नुकसान हो ही रहा है. वहीं, यह केमिकल वाला पानी आस-पास के गांव में घरों में आने के कारण कैंसर और पीलिया जैसी कई बीमारियों को बढ़ावा दे रहा है.  


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बता दें, इस धरना का आज यह दूसरा दिन है. इस धरने में बड़ी संख्या में किसान महिलाएं शामिल हुई हैं.  किसान संगठन ने केंद्र सरकार और संसार बैंक पर पानी को कॉर्पोरेट हाथों में बेचने के आरोप लगाए हैं. ट्राइडेंट ग्रुप के आगे धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहा एवं अन्य नेताओं ब्लॉक सिंह छन्ना, करमजीत कौर ने बताया कि ट्राइडेंट ग्रुप द्वारा केमिकल युक्त पानी अपनी फैक्ट्री के अंदर बोर कर धरती के नीचे डाला जा रहा है जिससे आसपास के कई गांवों के खेतों में लगे ट्यूबेल से केमिकल युक्त और दुर्गंध वाला पानी आ रहा है. जिससे फसलों का नुकसान हो रहा है. 


वहीं, उन्होंने कहा कि पहले फैक्ट्री के आसपास किसी खेत में केमिकल वाला पानी आता था, तो फैक्ट्री मालिक अपने खर्चे पर उसके मालिक को नया ट्यूबवेल लगवा कर दे देता था, लेकिन अब यह समस्या आसपास के कई गांव में आ रही है. जिसके विरोध में पांच दिवसीय धरना लगाया जा रहा है. फैक्ट्री के अंदर फैक्ट्री मालिकों द्वारा कई बड़े बोर किए गए हैं और नहर का पानी भी फैक्ट्री में पंजाब सरकार द्वारा पिछले लंबे समय से दिया जा रहा है. जबकि किसानों को नहर का पानी नहीं मिल रहा है. 


उन्होंने बताया कि ट्राइडेंट कंपनी के मालिकों द्वारा पिछले दो दशकों से अधिक समय से धरती के नीचे केमिकल वाला पानी डाला जा रहा .है जिसकी वजह से आसपास के कई गांवों की जमीनें बंजर होने के कगार तक पहुंच चुकी हैं और बड़ी संख्या में लोग गंभीर बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं.  वहीं, संगठन के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहा ने केंद्र सरकार और संसार बैंक पर आरोप लगाते हुए कहा कि "केंद्र की मोदी सरकार और सरकार के पक्ष में बोलने वाले बुद्धिजीवियों द्वारा लोगों को गुमराह किया जा रहा है कि धरती के नीचे का पानी जहरीला और गहरा हो चुका है दरिया और नहरों का पानी भी जहरीला हो चुका है, जो पीने योग्य नहीं है और इसके लिए पूरी तरह से किसानों को जिम्मेदार बताया जा रहा है". वहीं,  उन्होंने कहा कि असल में केंद्र सरकार, संसार बैंक के निर्देशों पर पानी को कॉर्पोरेट हाथों में दे रही है. 


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