Bhai dooj 2022 Kab Hai: दिवाली के 2 दिन बाद भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. हालांकि इस भाई दूज के तारीखों को लेकर काफी लोग परेशान हैं. ऐसे में आज के इस खबर में हम आपको बताएंगे कि भाई दूज के आपको किस दिन मनाना चाहिए और क्या है भाई दूज का सही मुहूर्त.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

Himachal Election: कसौली विधानसभा सीट पर बराबर की टक्कर, चौका मारने के लिए BJP तैयार


यहां जानें शुभ मुहूर्त
इस साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि 26 और 27 अक्टूबर दोनों ही दिन पड़ रहा है. द्वितीया तिथि 26 अक्टूबर 2022 को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर 27 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगी. वहीं, भाई दूज के दिन तिलक करने का शुभ समय दोपहर 1 बजकर 12 मिनट से दोपहर 3 बजकर 27 मिनट तक रहेगा.


Himachal Election: सोलन विधानसभा सीट की अनोखी है कहानी, ससुर-दामाद के बीच है गद्दी की जंग 


भाई दूज के दिन किसकी करें पूजा
मान्यताओं के अनुसार, भाई दूज के दिन यमराज, यमदूत और चित्रगुप्त की पूजा करनी चाहिए. इस दिन शाम के समय दीपदान करना शुभ माना जाता है. 


भाई दूज कथा
आपको बता दें, भैया दूज को भातृ द्वितीया भी कहते हैं.  यह त्योहार भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है. भाई दूज पर बहनें भाइयों के दीर्घायु व स्वस्थ होने की मंगल कामना करती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान सूर्य की पत्नी छाया को दो संतान यमराज और यमुना थी. यमुना अपने भाई यमराज से बड़ा स्नेह करती थी. वह हमेशा अपने घर भोजन करने का आमंत्रण देती थी.  यमराज अपनी बहन के आमंत्रण को बार-बार अनसुना कर देते थे. ऐसे में कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितिया के दिन यमुना ने यमराज को वचनबद्ध कर अपने घर आने को विवश कर दिया.  तब से ही भाई दूज मनाने की परंपरा शुरू हुई. 


मान्यताओं के अनुसार, भाई दूज के दिन भाई अपनी बहन के घर जाकर खाना खाता है और उससे तिलक करवाता है. ऐसे में बहनों को अपनी पूजा की थाली में कलावा, रोली, अक्षत, नारियल, मिठाई और एक दीपक जरूर रखना चाहिए. भाई के सिर पर तिलक करने से उसका भाग्योदय होता है और अकाल मृत्यु का संकट टलता है. इसके बदले भाई भी अपनी बहन को प्यार स्परुप उपहार में कुछ ना कुछ देता है. 


Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.


Watch Live