Bhang ki kheti: करिश्माई है भांग का पौधा, हजारों उत्पाद बनाने में होता है उपयोगी
Bhang ki kheti: हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को वैधता प्रदान करने के लिए गठित कमेटी आज देर शाम राजगढ़ पहुंची. जहां कमेटी के अध्यक्ष प्रदेश के राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि भांग का पौधा करिश्माई पौधा है. इसके हर हिस्से का उपयोग किया जा सकता है.
ज्ञान प्रकाश/पांवटा साहिब: नशे के लिए बदनाम भांग के पौधे की चर्चा आजकल प्रदेश भर में है. दरअसल हिमाचल प्रदेश में भांग के उत्पादन को वैधता प्रदान करने की कवायद चल रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि 1 एकड़ में भांग की खेती से लाखों रुपये की आमदनी होती है. ऐसे में माना जा रहा है कि भांग की खेती उत्पादकों की आर्थिक स्थिति में करिश्माई बदलाव ला सकती है. हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को शुरू करने की कवायद तेज हो गई है. इसके लिए राज्य सरकार द्वारा गठित विधायकों की एक कमेटी उन क्षेत्रों का दौरा कर रही है, जहां भांग की खेती की जा सकती है.
औषधीय व औद्योगिक उपयोग हेतु भांग की खेती को वैध बनाए जाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गठित समिति राजगढ़ पहुंची, जहां समिति ने इस विषय पर पंचायत प्रतिनिधियों के साथ विस्तार से चर्चा की. इस चर्चा की अध्यक्षता कैबिनेट मंत्री व समिति के अध्यक्ष जगत सिंह नेगी ने की. बैठक में जहां अध्यक्ष व समिति सदस्यों ने भांग की खेती के बारे विस्तृत जानकारी दी, वहीं इस संबंध में पंचायत प्रतिनिधियों के सुझाव भी लिए.
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जगत सिंह नेगी ने कहा कि लोगों को भ्रम है कि भांग का प्रयोग केवल नशे के लिए होता है, जबकि भांग से नशे के अलावा भी करीब पंद्रह हजार पदार्थ बन सकते हैं. भांग का पौधा करिश्माई पौधा है. भांग को औषधियों के अलावा औद्योगिक उपयोग के लिए ही वैध किया जाएगा. इसकी खेती के लिए वैज्ञानिकों द्वारा शोध के बाद जो बीज भांग का दिया जाएगा उसमें नशा न के बराबर होगा. सरकार औद्योगिक और गैर-मादक उपयोग के लिए भांग की खेती शुरू करने के लिए सभी पहलुओं का अध्ययन कर रही है.
उन्होंने कहा कि भांग की खेती के लिए अच्छी कार्य योजना तैयार की जा रही है. इसके फायदे और नुकसान को समझने के लिए समिति उन क्षेत्रों का दौरा कर रही है, जहां भांग की कानूनी खेती होती है. उनका कहना है कि भांग की खेती पहाड़ी राज्य के लिए राजस्व पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. जगत सिंह नेगी ने जानकारी देते हुए कहा कि अभी तक समिति प्रदेश के 6 जिलों का दौरा कर चुकी है. समिति ने अन्य प्रदेशों जहां यह वैध है वहां का भी दौरा किया है.
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समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य आर खन्ना ने कहा कि उन्होंने चार साल तक अदालत में इसकी पैरवी करने के बाद उच्च न्यायालय ने सहमति दी है. इससे किसानों को लाखों रुपये प्रति एकड़ आय होगी. इस मौके पर मुख्य संसदीय सचिव सुंदरसिंह ठाकुर, सदस्य पूर्ण ठाकुर, डाक्टर जनकराज व केवल सिंह पठानिया ने भी अपने विचार रखे.
इन वक्ताओं ने कहा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी दल इस मामले का समर्थन कर रहे हैं, क्योंकि यह नीति प्रदेश की आर्थिक दशा को सुधारने व रोजगार देने में मील का पत्थर साबित होगी. इससे पहले कैबिनेट मंत्री जगत सिहं नेगी का यहां पंहुचने पर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पच्छाद ने भव्य स्वागत किया और क्षेत्र की समस्याओं के बारे में मंत्री महोदय को अवगत कराया. इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करने का भी आश्वासन दिया.
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