विद्युत बोर्ड हिमाचल में इंजीनियर्स व आउटसोर्स पर रखे चालकों के पदों को समाप्त करने के विरोध में उतरी BJP
Bilaspur News: विद्युत बोर्ड हिमाचल प्रदेश में इंजीनियर्स के 51 पद व आउटसोर्स पर रखे 81 चालकों के पदों को समाप्त करने के विरोध में भाजपा उतरी है. पढ़ें पूरी खबर...
Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड में 51 इंजीनियर्स व आउटसोर्स पर रखे गए 81 चालकों के पदों को समाप्त करने के सरकार के निर्णय के खिलाफ जहां विद्युत बोर्ड के कर्मचारी व पेंशनर्स ने आंदोलन का रास्ता इख्तियार किया तो वहीं अब भाजपा नेता भी विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन द्वारा किये जा रहे विरोध प्रदर्शन के पक्ष में उतर आये हैं.
जी हां, नैनादेवी से विधायक व हिमाचल बीजेपी मीडिया संयोजक रणधीर शर्मा ने सरकार के इस निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड काफी सराहनीय काम कर रहा है, जिसका नतीजा है कि प्रदेश के हर घर में बिजली का कनेक्शन है और बिजली की लगातार सप्लाई हो इसके लिए बोर्ड के कर्मचारी व अधिकारी लगातार काम करते हैं.
ऐसे में विद्युत बोर्ड के कर्मचारियों को इंसेंटिव देने व सरकार द्वारा ओपीएस की गारंटी में शामिल करने की जरूरत थी, मगर वर्तमान सरकार ने इसके विपरीत 51 पद इंजीनियर व 81 पद आउटसोर्स चालकों के पदों को खत्म करके दीवाली का जो तोहफा देने का काम किया है. इससे कर्मचारी व अधिकारी हताश व निराश है और इस निर्णय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
साथ रणधीर शर्मा ने कहा कि भाजपा विद्युत बोर्ड के कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ खड़ी है और प्रदेश सरकार से मांग करती है कि विद्युत बोर्ड में समाप्त किये पदों को जल्द बहाल कर इन पदों पर प्रमोट होकर वाले कर्मचारियों व अधिकारियों में उत्साहित होकर काम कर सके अन्यथा भाजपा इन कर्मचारियों व अधिकारियों के पक्ष में सड़कों और उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी.
उन्होंने आगे कहा कि 29 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रदेश में 1,127 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स की वर्चुअल माध्यम से आधारशिला व उदघाटन करने, जिसमें एम्स अस्पताल बिलासपुर में 232 करोड़ रुपये की सिविल वर्क्स के उद्घाटन व शिलान्यास शामिल होने व मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भी कार्यक्रम में आमंत्रित करने होने की बात कहते हुए बीते कल सीएम के बिलासपुर दौरे पर होने के बावजूद एम्स कार्यक्रम में शामिल ना होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सीएम के केंद्र सरकार के साथ टकराव व असहयोग की भावना का असर आने वाले समय में प्रदेश में नुकसान के तौर पर देखने को मिल सकता है, जिसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर मुख्यमंत्री की होगी.
रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर