Himachal Pradesh News/समीक्षा कुमारी: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा पर्यटन निगम के 18 होटल को बंद करने के बाद अब सियासत भी गरमा गई है. भाजपा लगातार कांग्रेस सरकार पर इन होटल को अपने मित्रों को देने के आरोप लगा रहे हैं. वहीं बागवानी मंत्री जगत नेगी ने इसको लेकर पलटवार किया है और नेता प्रतिपक्ष से पूछा है कि जब वे मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने प्रदेश के अच्छे होटल को लीज पर किसको दिया और अपने विधानसभा क्षेत्र चुनाव में क्लब महिंद्रा को क्यों पर्यटन निगम के होटल दे दिए गए. इसके बारे में उन्हें पहले हिसाब देना चाहिए उसके बाद वह सरकार से सवाल करें.


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बागवानी मंत्री जगत नेगी ने कहा कि प्रदेश में एचपी टीडीसी के जितने भी होटल हैं पिछली सरकार के समय एडीबी प्रोजेक्ट के तहत बनाए गए थे और यह सब प्राइम प्रॉपर्टी थी जिन्हें जयराम की सरकार ने कम दामों पर लीज पर दे दिया था. इससे काफी बड़ा नुकसान प्रदेश का हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जहां 18 होटल को हाई कोर्ट द्वारा बंद करने के आदेश दिए हैं इन आदेशों के बारे में गंभीरता से विचार करने की जरूरत है. इसमें ज्यादातर होटल प्राइम लोकेशन पर है. किसी होटल की 40% ऑक्युपेंसी हो रही है लेकिन 100% ऑक्यूपेंसी पूरे साल में नहीं होती. हिमाचल में विंटर टूरिज्म अलग है ओर समर टूरिज्म अलग इसलिए सीजन में काम कभी कम और ज्यादा होता रहता है.


उन्होंने कहा कि यह समझ नहीं आता की जो बिजनेस करना है या कॉरपोरेशन चलानी है उसको भी हम किसी कोर्ट के आदेश से बंद करेंगे. जो हमारे कर्मचारी हैं उनकी तनख्वाह नहीं दे पाएंगे. जबकि यह होटल प्रदेश में ऐसे समय बने जब हिमाचल में टूरिज्म को बढ़ावा देने की जरूरत थी. इन होटल का बहुत ज्यादा योगदान रहा उन क्षेत्रों में जहां पर होटल नहीं थे और उन क्षेत्र के लोगों को रोजगार दिया गया. उन्होंने कहा कि होटलों में जहां कोई कमी होगी उसे दूर किया जाएगा और इन्हें बढ़िया तरीका से चलने की जरूरत है.


वही उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर ने अपने मित्रों को कम दामों पर होटल दिए. थुनाग में पर्यटन निगम की प्रॉपर्टी थी उसे महिंद्रा क्लब को क्यो दे दिया. वे बताएं कितने में दिया है. जयराम ठकुरा को उसका हिसाब देना चाहिए.


वही जगत नेगी ने कहा कि भाजपा नेता हिमाचल को आर्थिक रूप से कंगाल देखना चाहते है और जो लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार है उसे किस तरह से गिराया जाए इस पर काम कर रही है लेकिन भाजपा का ऑपरेशन लोटस फेल हुआ है और अभी भी भाजपा कोशिश कर रही है. केंद्र ने हिमाचल की आर्थिक सहायता बंद कर दी है.