संदीप सिंह/मनाली: सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्रों तक वैकल्पिक सड़कों को अधिक से अधिक बनाया जाए ताकि किसी भी आपात स्थिति में लद्दाख का संपर्क देश के बाकी हिस्सों से बना रहे, इसी महत्वपूर्ण विषय के तहत लेह और कारगिल से सटी सीमाओं तक बेहतर रोड कनेक्टिविटी पर सन 1999 के बाद से ही बल दिया जा रहा है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लद्दाख तक पहुंचने के लिए नए रूट हिमाचल के लाहौल में दारचा से शिंकुला-पदुम-निराक-निम्मू सड़क बनाई जा रही है, जिसके दोनों छोर इसी साल मिले हैं, यानी अब इन इलाको तक पहुंचने के लिए तीसरी सड़क बन गई है हालांकि निराक-चिलिंग-निम्मू के मध्य लगभग 60km की संकरी सड़क को चौड़ा करने का कार्य युद्धस्तर पर है. 


ये भी पढ़ें- धर्मशाला में ओवरस्पीड राइडर्स पर बढ़ेगी निगरानी, इंस्टॉल किए जा रहे 6 आईटीएमएस


पीएम मोदी ने 26 जुलाई को किया टनल का शिलान्यास
26 जुलाई को PM मोदी ने इस नए रूट पर शींकूला दर्रे पर बन रही टनल का शिलान्यास किया है. शींकूला टनल लद्दाख को साल भर की रोड कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. इतना ही नहीं बल्कि समुद्र तल से 15,800 फीट की ऊंचाई पर बनने वाली यह दुनिया की पहली टनल भी है. इस टनल के बन जाने से चंडीगढ़-लेह की दूरी भी कम होगी और सफर में समय भी कम लगेगा.


20 हजार से आबादी को मिलेगा फायदा 
शींकूला टनल का निर्माण कार्य BRO का प्रोजेक्ट योजक कर रहा है. कार्य की शुरुआत हो चुकी है. अगले चार वर्षों में इस टनल को तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. इतनी ऊंची पर निर्माण कार्य का अनुभव BRO को पहली बार होगा. ऐसे में बेहद चुनौतियों का सामना निश्चित है. लद्दाख के दुर्गम क्षेत्र झांसकर के बीस हजार से ज्यादा आबादी को सबसे पहले इस नए रूट और टनल से फायदा मिलेगा. 


WATCH LIVE TV