सिरमौर के मैदानी इलाकों में आम की बंपर पैदावार, उत्पादकों के खिल उठे चेहरे
कोरोना के चलते पिछले 2 साल उत्पादकों को नुकसान उठाना पड़ा था, लेकिन इस बार आम की बंपर पैदावार को देखते हुए आम उत्पादकों को अच्छी आय मिलने की उम्मीद है.
देवेंद्र वर्मा/नाहन: फल राज्य कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश का जिला सिरमौर अपने रसीले फलों की उपज के लिए मशहूर है. इस बार जिले का रसीला फल ‘आम’ लोगो के मुंह की मिठास बढ़ाएगा. मौसम की मेहरबानी के चलते इस बार सिरमौर के मैदानी इलाकों में आम की बंपर पैदावार हुई है, जिसके बाद आम उत्पादकों के चेहरे खिले हुए हैं.
कोरोना के चलते पिछले 2 साल उत्पादकों को नुकसान उठाना पड़ा था, लेकिन इस बार आम की बंपर पैदावार को देखते हुए आम उत्पादकों को अच्छी आय मिलने की उम्मीद है.
आम उत्पादन के लिए जाना जाता है नाहन
जिला मुख्यालय नाहन के साथ सटे आमवाला, सैनवाला, सतीवाला कनडई वाला सहित कई ऐसे क्षेत्र हैं जो आम उत्पादन के लिए जाने जाते हैं. यहां विभिन्न किस्मों के आम उत्पादित होते हैं जिसकी बाहरी राज्यों में भी खासी डिमांड रहती है.
आम उत्पादकों ने बताया कि कोरोना काल के दौरान आम के पौधों पर स्प्रे नहीं हो पाया था जिसके चलते उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा था. मगर इस बार आम के अच्छे उत्पादन से वो काफी खुश है . उन्हें उम्मीद है कि पिछले 2 साल के नुकसान की भरपाई इस बार के पैदावार से पूरी हो जाएगी.
बाहरी राज्यों में भी होती है आम की सप्लाई
आम उत्पादकों ने बताया कि यहां उत्पादित होने वाले आम की पड़ोसी राज्यों की मंडियों में बड़ी डिमांड रहती है. वहीं, स्थानीय व्यापारी भी यहां आम की खरीदारी करते है. पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा से हर वर्ष कई व्यापारी आम खरीदने नाहन पहुंचते है.
क्षेत्र में आम की कई किस्में उगाई जाती है मगर लंगड़ा व दशहरी किस्म के आम का यहां मुख्य रूप से उत्पादन होता है. उन्हीं किस्मों की यहाँ से ज्यादा डिमांड रहती है.