विजय भारद्वाज/बिलासपुर: कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या मामले को लेकर जहां देश के डॉक्टर्स, नर्स, फार्मासिस्ट और पैरामेडिकल स्टाफ हड़ताल पर हैं, वहीं इस हड़ताल का असर हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य केंद्रों पर भी देखने को मिल रहा है. महिला चिकित्सक के साथ हुई अभद्रता और बेरहमी से हत्या से नाराज हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत डॉक्टर्स 'पेन डाउन' स्ट्राइक पर हैं, जिसके चलते ओपीडी सेवाएं ठप पड़ी हैं. 


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वहीं प्रदेश के अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद होने से मरीजों को भी खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अस्पतालों में केवल इमरजेंसी सेवाएं ही चल रही हैं. वहीं मरीजों को आ रही परेशानी के चलते हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने प्रदेश के चिकित्सकों को हड़ताल करने की बजाय मरीजों की चिंता करने की नसीहत दी है.


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राजेश धर्माणी का कहना है कि कोलकाता में महिला चिकित्सक के साथ हुई यह घृणित घटना निंदनीय है. इस घटना को अंजाम देने वाले यह समाज विरोधी लोग महिलाओं सहित पूरे समाज के लिए किसी खतरे से कम नहीं हैं. इस घटना के बाद से प्रदेश के अस्पतालों में डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते आमजन और गरीब तबके के लोगों को परेशान होना पड़ रहा है, इसलिए डॉक्टर्स को चाहिए कि हड़ताल को खत्म करके ओपीडी को सुचारू रूप से चलाएं ताकि मरीजों को आ रही परेशानी का समाधान हो सके और उन्हें उचित ईलाज मिल सके. 


इसके साथ ही कहा कि हिमाचल सरकार चाहती है कि महिलाओं और डॉक्टर्स को सुरक्षा मिले ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं सामने ना आ सकें. देश में निर्भया हत्या कांड, गुड़िया कांड जैसी कई घटनाएं सामने आईं हैं. इसके अलावा कई ऐसी घटनाएं हैं जो किसी कारण से सामने नहीं आ पाई हैं जो कि दुखद है. इनसे सबक सीखते हुए सभी को एकजुट होकर महिलाओं की सुरक्षा, बेटियों की सुरक्षा के लिए आगे आना चाहिए.


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