देवेंद्र वर्मा/नाहन: केंद्र की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ संयुक्त ट्रेड यूनियन के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते नाहन में सीटू के बैनर तले रोष प्रदर्शन किया गया. रोष प्रदर्शन में सैकड़ो मिड डे मील और आंगनवाड़ी वर्कर्स शामिल हुईं. मीडिया से बातचीत करते हुए सीटू के जिला महासचिव आशीष कुमार ने कहा कि आज पूरे देश में ट्रेड यूनियन के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल की जा रही है. किसी कड़ी में जिला सिरमौर मुख्यालय नाहन और शिलाई में भी मिड डे मील और आंगनवाड़ी वर्कर्स द्वारा रोष प्रदर्शन किया गया.


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उन्होंने बताया कि आज करोड़ों की संख्या में मजदूर सड़कों पर उतरकर केंद्र की मजदूर विरोधी नीतियों का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने आईसीडीएस के बजट में कोई वृद्धि नहीं की है. इस वर्ष के बजट में उल्टा 200 से 300 करोड़ की कटौती की गई है जो मजदूरों के खिलाफ एक बहुत बड़ी साजिश है.


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उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने सेवानिवृत्ति आंगनवाड़ी वर्कर्स को ग्रेच्युटी देने की बात कही थी. वहीं हिमाचल प्रदेश में भी उच्च न्यायालय ने भी मिड डे मील वर्कर्स को अध्यापकों की भांति 12 महीने का वेतन देने के आदेश जारी किए हैं, लेकिन इन वर्कर्स को समय पर वेतन भी नहीं मिल पा रहा है, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि सरकार इसका निजीकरण करने जा रही है. उन्होंने कहा कि देश के अंदर 25 लाख के करीब आंगनवाड़ी वर्कर 20 लाख से अधिक मिड डे मील वर्कर और 10 लाख के करीब आशा वर्कर हैं, जिन्हें तरीके से समाप्त करने का सरकार प्रयास कर रही है. 


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उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर समय रहते किसानों, मजदूरों और छात्रों की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आने वाले समय में पूरे देश का मजदूर दिल्ली की तरफ कूच करेगा और मोदी सरकार का गिराव करने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आज जो मोदी सरकार लोगों को धर्म के नाम पर बांटने का प्रयास कर रही है उसका मजदूर संगठन विरोध जता रहा है. 


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