रामपुर बुशहर/विशेषर नेगी: हिमाचल प्रदेश के कल्लू और शिमला जिला की पहाड़ी पर पवित्र स्थल श्रीखंड महादेव के चरणों में करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है. बादल फटने के बाद हिमखंडो के टूटने से कुर्पन, समेज और गानवी तीन खड्डों में भयानक बाढ़ आई, जिससे इन खड्डों के साथ की बस्तियों को गहरे जख्म मिले हैं. इस घटना ने कुल्लू जिला के निरमंड उप मंडल के बागीपुल कस्बे को भी गहरे जख्म दे दिए हैं. 


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31 जुलाई और 1 अगस्त की मध्य रात्रि को श्रीखंड महादेव के पास फटे बादल ने बागीपुल के सुंदर कस्बे को मलबे के ढेर में तब्दील कर दिया. बाढ़ का रौद्र रूप ऐसा था कि लोगों को सोचने समझने का मौका ही नहीं दिया. खड्ड के रौद्र रूप ने न अपनो को बक्शा न पराए को छोड़ा. रात करीब 12 बजकर 35 मिनट पर बागीपुल बाजार नींद की गहरी आगोश में था कि यह क्षेत्र अचानक जोर से हिलने लगा. लोगों ने सोचा कि भूकंप आया होगा. इस बीच जो लोग बिना सोचे-समझे दौड़ कर बाहर भागने में कामयाब हो गए वो बच गए, लेकिन जो लोग उठकर मंजर को समझने की कोशिश कर रहे थे वो बाढ़ में बह गए.


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हाथ में टॉर्च लेकर जो लोग कमरों से बाहर देखने निकले वो चंद सेकेंड में बहते दिखाई दिए. इस घटना में बागीपुल में एक दर्जन से अधिक घर और करीब 15 गाडियां भी बह गईं. अब बागीपुल में कुर्पन खड्ड के साथ बचा है तो बस लाखो टन मलवे का ढेर. बागीपुल में दो वाहन योग्य पुलों का भी नामो निशान मिट गया, जिनके परिजन बह गए वो अपनों को मलवे के ढेर में खोज रहे हैं और जिनकी जीवन भर की कमाई दफन हो गई वो ढेर से यादों के रूप में बचे अवशेषों को इकट्ठा करके मन को दिलासा दे रहे हैं.


बागीपुल निवासी योमा ठाकुर ने बताया कि वे सोए हुए थे. तभी रात करीब 12 बजकर 30 मिनट पर उनका घर पूरी तरह हिलने लगा. मानों जैसे जोर-जोर से भूकंप के झटके लग रहे हों. जब वह बाहर निकले तो सारी बिजली की तारें हिल रही थीं. मकान जोर-जोर से हिल रहा था जैसे कोई घर को गिराने लगा है.


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उन्होंने सोचा कि यह तेज भूकंप है. जब वह अपने पति को घर में पिलर के साथ खड़े होने के लिए कहने लगे तो पति बाहर इधर-उधर दौड़ रहे थे. पति ने कहा खड्ड में बाढ़ आई है यह देखकर वो दोनों घर से बाहर निकल गए. जब वह ऊपर निकल रहे थे तो देखा कि सामने वाले घर में भी टॉर्च लेकर कोई बाहर देख रहा है और वह चंद सेकेंड में पानी में बह गया. जमा ठाकुर ने बताया कि उनके घर के आस-पास के 14 लोग बाहर निकलने में कामयाब हुए. 


वहीं, स्थानीय निवासी प्रेम कुमार ने बताया कि बागी पुल में आई बाढ़ में उनकी मां, जीजा, दो भांजे और बहन बह गए. उनका घर पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आकर बह गया. उन्होंने बताया कि वह उसी रात 11 बजे गांव चले गए थे, जिस कारण वे बच गए. बागीपुल निवासी केसरी लाल ने बताया कि वह घटना की रात गांव गए हुए थे. उनका पूरा मकान बाढ़ की चपेट में आ गया. मकान का नामो निशान मिट गया है.


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वहीं, चायल पंचायत के पूर्व प्रधान ने बताया कि 31 जुलाई की रात करीब 12 बजकर 35 मिनट पर श्रीखंड के पास बादल फटने से कुर्पन खड्ड में बाढ़ आ गई. इस घटना में 02 लोग श्रीखंड यात्रा बेस कैंप सिंहगाड़ में और 07 लोग बागीपुल में बह गए. इस घटना में बागीपुल में 13 मकान भी ध्वस्त हो गए. कुर्पन खड्ड में लगे सभी पुल बाढ़ में बह गए.


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