Himachal News: नशीली दवाओं से संबंधित अपराध में 5 साल की जगह हो आजीवन कारावास-CM सुक्खू
Sukhvinder Singh Sukhu News: सोमवार को ड्रग तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वर्चुअली भाग लिया.
CM Sukhvinder Singh Sukhu News: हिमाचल के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला में वर्चुअल माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में दिल्ली में ड्रग तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन में भाग लिया.
उन्होंने ड्रग माफिया से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राज्यों को अधिक अधिकार देने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि इसके अलावा ड्रग माफिया पर प्रभावी ढंग से नकेल कसने के लिए नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टांसिस (एनडीपीएस) अधिनियम में संशोधन की भी आवश्यकता है.
मुख्यमंत्री ने नशीली दवाओं के तस्करों की संपत्ति जब्त करने के लिए एनडीपीएस अधिनियम में एक प्रावधान जोड़ने का आग्रह किया. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हिमाचल प्रदेश से प्रवर्तन निदेशालय को नशीली दवाओं से संबंधित स्थानांतरित किए गए 10 मामलों में प्रगति धीमी रही है. ऐसे में उन्होंने जब्त करने की शक्तियां राज्यों को सौंपने को कहा.
सीएम ने आगे कहा कि नशीली दवाओं से संबंधित अपराध में सजा 5 वर्ष से बढ़ाकर आजीवन कारावास कर देना चाहिए. नशीले पदार्थों की मात्रा की परवाह किए बिना इस अपराध को संज्ञेय और गैर-जमानती बनाने के साथ-साथ पांच लाख जुर्माने और संपत्ति जब्त करने का प्रावधान भी किया जाए.
उन्होंने नशीली दवाओं के अत्याधिक सेवन से होने वाली मौतों को रोकने के महत्त्व पर बल दिया. साथ ही इस संबंध में अधिनियम में आवश्यक बदलाव करने का भी आग्रह किया.
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से प्रदेश के कुल्लू जिले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का क्षेत्रीय कार्यालय और आधुनिक हाई-टेक जेल स्थापित करने का भी आग्रह किया. सीएम ने मामलों की जांच में तेजी लाने के लिए राज्य में आधुनिक फोरेंसिक प्रयोगशाला और मोबाइल लैब की स्थापना का भी अनुरोध किया.
उन्होंने नशीली दवाओं से संबंधित मामलों में तेजी लाने के लिए हिमाचल प्रदेश में एनडीपीएस अधिनियम के तहत फास्ट ट्रैक कोर्ट के महत्त्व पर बल दिया. साथ ही राज्य में नशा मुक्ति केंद्रों के संचालन के लिए केंद्र सरकार से उदार वित्तीय सहायता का भी आग्रह किया.
सीएम ने कहा कि प्रदेश में नशीली दवाओं की बढ़ती समस्या को देखते हुए राज्य सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ इस समस्या पर अंकुश लगाने के लिए महत्त्वपूर्ण कदम उठा रही है. उन्होंने राज्य के भीतर नशीली दवाओं से संबंधित मामलों में एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) की संख्या में 40 प्रतिशत, गिरफ्तारी में 34 प्रतिशत और बरामदगी में 50 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि के संकेत देने वाले आंकड़े भी साझा किए. उन्होंने कहा कि हिमाचल देश के उन चुनिंदा राज्यों में शुमार है जो नशीली दवाओं की समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए निवारक उपाय अपना रहा है और इस संबंध में एक सलाहकार बोर्ड का भी गठन किया गया है.
बैठक में विभिन्न राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारी जुड़े तथा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, राज्य कर एवं आबकारी विभाग के आयुक्त यूनुस, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सतवंत अटवाल और अभिषेक त्रिवेदी, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया और विशेष सचिव राज्य कर एवं आबकारी हरबंस सिंह ब्रस्कॉन और प्रदेश सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शिमला में मुख्यमंत्री के साथ उपस्थित थे.