Shannon Power Project News: शानन पावर प्रोजेक्ट (Shannon Power Project) के मालिकाना हक को लेकर हिमाचल प्रदेश और पंजाब सरकार में रार बढ़ने लगी है. जमीन की लीज समाप्त होने की घड़ी जैसे जैसे नजदीक आ रही है. वैसे-वैसे मुश्किलें और बढ़ती जा रही हैं.  हिमाचल सरकार प्रोजेक्ट वापस सौंपने की मांग कर रही है. जिसे लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पंजाब के मुख्यमंत्री व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के सामने अपना पक्ष रख चुके है. 


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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का कहना है कि यह हमारे हक हैं और हम इन्हें हासिल करेंगे. उन्होंने कहा कि पंजाब हमारे बड़े भाई जैसे हैं. ऐसे में पंजाब शानन पावर प्रोजेक्ट हिमाचल को सौंपकर उन्हें अपना हक अदा करना चाहिए. 


हिमाचल भी छोटा भाई होने के नाते पंजाब से अपील करेगा कि वह हमारा हक कानूनी रूप और नियमों के तहत हमें सौंप दें. एक मीडिया एजेंसी से बात करते हुए सीएम सुक्खू ने कहा कि पानी देना पुण्य का कार्य है और हरियाणा भी हमारा भाई है. हम उसे सतलुज का पानी सीधे लेने के लिए हिमाचल से रास्ता देने को तैयार हैं.  यह एसवाईएल परियोजना धरातल पर भी व्यावहारिक है.  इसे लेकर अधिकारियों से बात की है. 


इसके आगे उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री चंद्र कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी बनाई है. साथ ही उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और बिजली विभाग के सचिव सदस्य बनाए हैं.  जो एक रिपोर्ट तैयार करेगा. इस रिपोर्ट के बाद हिमाचल कानूनी रूप से चंडीगढ़ की जमीन पर 7.19% हिस्सेदारी का दावा ठोकेगा. 


सीएम ने कहा कि वाटर सेस का पंजाब और हरियाणा को विरोध नहीं करना चाहिए, क्योंकि हिमाचल सरकार की ओर से पंजाब और हरियाणा में आ रहे पानी पर सेस नहीं लगाया गया है, बल्कि हिमाचल में ही पानी रोककर जहां बिजली बनाई जा रही है, वहां सेस लगाया गया. ऐसे में इस मुद्दे को राजनीति करना ठीक नहीं है. 
      
बता दें, शानन पावर प्रोजेक्ट परियोजना पर 99 साल पुरानी लीज मार्च 2024 में ख़त्म होने जा रही है और इसके तहत हिमाचल प्रदेश और पंजाब के बीच इसके स्वामित्व और नियंत्रण को लेकर विवाद पैदा हो गया है. हिमाचल प्रदेश द्वारा स्पष्ट कर दिया गया है कि वह लीज का नवीनीकरण या विस्तार नहीं करेगा.