समीक्षा कुमारी/शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार के अंतरिम बजट को लेकर कहा कि मोदी सरकार का अंतरिम बजट देशवासियों और हिमाचल की उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकाम रहा है. यह प्रदेशवासियों को निराश करने वाला बजट है. इसे पिछले बजट का दोहराव करार देते हुए उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत किए अंतरिम बजट भाषण में कोई भी नई बात नहीं कही गई.


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मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते साल बरसात में हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के बाद प्रदेशवासियों को केंद्र सरकार से विशेष आर्थिक पैकेज की उम्मीद थी, लेकिन इसका भी कोई जिक्र इसमें नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि रेल नेटवर्क के विस्तारीकरण को देखते हुए हिमाचल का कहीं उल्लेख नहीं किया गया है.


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उन्होंने कहा कि सतत विकास के लिए हरित ऊर्जा और सौर ऊर्जा की बात कही गई है, लेकिन इसके लिए कोई स्पष्ट रोडमैप का उल्लेख उनके अभिभाषण में नहीं किया गया, मध्यम वर्ग के लिए टैक्स में कोई भी अतिरिक्त छूट नहीं दी गई जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था में मध्यम वर्ग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है. सीएम ने कहा कि एलपीजी की कीमतों में वृद्धि की गई है. आमजन के लिए डीजल और पैट्रोल की कीमतों में कोई कटौती नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि गरीब और मध्यम वर्ग को राहत देने के बजाय इस बजट में केवल पूंजीपतियों और उद्योगपतियों का ध्यान रखा गया है.


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मुख्यमंत्री ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर संग्रह 1.8 लाख करोड़ तक पहुंचने के बावजूद आयकर और अन्य करों में कोई भी अतिरिक्त रियायत नहीं दी गई है. हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य जहां मेट्रो रेल शुरू नहीं की जा सकती, वहां के लिए किसी भी तीव्र सार्वजनिक यातायात प्रणाली का भी उल्लेख नहीं है. इसके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र में भी किसी नई पहल का जिक्र नहीं किया गया है.