CM Sukhwinder Singh: दिल्ली में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने जल विद्युत परियोजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी 12 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का आग्रह किया. 



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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार देर शाम केंद्रीय बिजली, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के से की मुलाकात. इस दौरान उन्होंने राज्य का हिस्सा 12 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जाने की बात कही. केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया गया कि राज्य में लगभग 12,000 मेगावाट जल विद्युत क्षमता का दोहन किया जाना बाकी है. उन्होंने कहा कि जल विद्युत विकास हिमाचल प्रदेश राज्य के आर्थिक विकास का प्रमुख इंजन है, क्योंकि यह राजस्व सृजन, रोजगार के अवसरों और जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के मामले में अर्थव्यवस्था में प्रत्यक्ष और महत्वपूर्ण योगदान देता है. 


इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सौर परियोजनाओं की स्थापना के लिए भी पर्याप्त गुंजाइश है.राज्य सरकार ने अब निवेशकों के लिए नियमों और प्रक्रियाओं में ढील दी है और उपायुक्तों को अनुमति देने का अधिकार दिया गया है. राज्य सरकार समयबद्ध तरीके से विशेष रूप से ऊर्जा क्षेत्र में सभी आवश्यक अनुमतियां देने और आवेदन करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. 


मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बिजली परियोजना से चरणबद्ध तरीके से करार करने पर विचार कर रही है.  पहला भाग ऋण चुकौती की अवधि के लिए होगा और दूसरा भाग बिजली परियोजना के हिस्से पर ऋण चुकौती समाप्त होने के बाद होगा.  मुख्यमंत्री ने एसजेवीएनएल द्वारा क्रियान्वित की जा रही लुहरी बिजली परियोजना का मुद्दा भी उठाया और राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए नए समझौते की वकालत की, क्योंकि परियोजना पूरी तरह से व्यवहार्य है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) द्वारा बकाये और उसके हिस्से के भुगतान के संबंध में राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है.  बीबीएमबी को राज्य सरकार को बकाया राशि का भुगतान तत्काल करने का निर्देश दिया जाए. साथ ही यह भी बताया कि शानन परियोजना की लीज अवधि अब समाप्त हो चुकी है और इसे जल्द ही आगे के निष्पादन के लिए राज्य सरकार द्वारा अपने हाथ में ले लिया जाएगा. 


सुक्खू ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने लेह की तर्ज पर प्रदेश के स्पीति क्षेत्र में हरित ऊर्जा संयंत्र लगाने का आश्वासन दिया है.  2025 तक हरित ऊर्जा राज्य बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरे राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ई-चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित किए जाएंगे.  वहीं, ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए राज्य सरकार भूमि और बिजली उपलब्ध कराएगी.


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