विजय भारद्वाज/बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश की चारमाई अर्थव्यवथा को पटरी पर लाने के मकसद से जहां मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा से खुद, मंत्रियों और सीपीएस द्वारा दो माह का वेतन व भत्ता ना लेते हुए विलंबित करने का ऐलान किया है, वहीं सीएम के इस निर्णय को लेकर भाजपा नेता लगातार जुबानी हमला करते दिखाई दे रहे हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री राजिंद्र गर्ग ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के इस निर्णय को नौटंकी करार देते हुए केवल प्रदेश की जनता का ध्यान सरकार की विफलताओं से हटाने का एक प्रयास बताया है. राजिंद्र गर्ग का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री, मंत्री व सीपीएस द्वारा दो माह का वेतन व भत्ता विलंबित करने से प्रदेश की अर्थव्यस्था पटरी पर कैसे आएगी, इसका जबाव मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को देना चाहिए.


ये भी पढ़ें- नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के आधिकारिक आवास पर ड्रोन से कौन रख रहा नजर


इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार का दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि राजस्व बढ़ाने के लिए संसाधन जुटाए जाएं ना कि वेतन व भत्ते विलंबित किए जायें. पूर्व मंत्री का कहना है कि वर्तमान सरकार 10 गारंटियों को पूरा करने में विफल तो साबित हुई ही है, साथ ही सीपीएस बनाने से लेकर अपने चहेतों को कैबिनेट रैंक जैसी सुविधाएं देकर केवल प्रदेश पर कर्जा बढ़ाने का ही काम किया है और अब दो माह का वेतन व भत्ते विलंबित कर दिखावा करने का काम कर रहे हैं, जिसे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू आने वाले समय में प्रदेश के कर्मचारियों पर भी थोपने का काम करेंगे. 


वहीं राजिंद्र गर्ग ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान कर्मचारियों को डीए व एरियर सहित पेंशनर्स को समयबद्ध तरीके से पेंशन की अदायगी होती रही है, लेकिन अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने मंत्रियों व सीपीएस से दो माह का वेतन व भत्ता विलंबित करवाना साबित करता है कि सरकार का दो वर्ष का कार्यकाल विफल साबित हुआ है.


WATCH LIVE TV