Dharamshala News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा सीपीएस मामले में दिए गए निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि हम इस निर्णय का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि सीपीएस नियुक्तियां शुरूआत से ही विवादों  के घेरे में रही हैं क्योंकि किसी भी प्रदेश में इस तरह से सीपीएस बनाना या कोई ऐसा पद दे देना जो ऑफिस ऑफ प्रोफिट के दायरे में आता हो. उस पर पूर्णतया रोक है.


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कई जगहों पर लोगों को अपने विधायक पद से भी हाथ धोना पड़ा है क्योंकि यह ऑफिस आफ प्रोफिट को अट्रैक्ट करता है. एक सवाल के जवाब में सुधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार तो शुरू से ही संकट में हैं. कभी वित्तीय संकट, तो कभी राजनीतिक संकट, कभी समोसा संकट रहा है. 


सरकार ने कभी प्रदेश को गंभीरता से चलाया ही नहीं है. जब सीपीएस की नियुक्तियां की गई थी, तभी से पता था कि यह लोग हटेंगे. सुधीर ने कहा कि मंत्रिमंडल बनने से पहले ही सीपीएस की शपथ करवा दी गई थी. सरकार को कानूनी राय लेकर ही काम करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. जिसका परिणाम अब सामने आ गया है. सुधीर ने कहा कि यह कोई विपक्ष ने नहीं किया है, बल्कि सरकार द्वारा ही किया गया था जो अब सामने आ रहा है. 


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देहरा में मुख्यमंत्री कार्यालय खोलने को लेकर सुधीर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश को एक नजर से नहीं देख रहे हैं और प्रदेश के मुखिया की संकीर्ण मानसिकता साफ देखी जा सकती है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश को एक समान दृष्टि से नहीं बल्कि परिवार की दृष्टि से देख रहे हैं. 


रिपोर्ट- विपिन कुमार, धर्मशाला