पूजा मक्कड़/दिल्ली: बुधवार का दिन संगीत जगत के लिए काफी दुख भरा था. सिंगर केके की अचानक से हुई मौत के कारण हर कोई हैरान है. जिसे लेकर जांच भी की जा रही है. बता दें, शुरुआती जांच से लग रहा है कि केके को हार्ट अटैक हुआ होगा क्योंकि बहुत ज्यादा पसीना, दम घोंटने वाली भीड़ और सांस लेने में दिक्कत. ये सब हार्ट अटैक के वॉर्निंग सिग्नल होते हैं, लेकिन ज्यादातर फिट दिखने वाले और 60 साल से कम उम्र के लोग इसी गलतफहमी में रहते हैं कि हार्ट अटैक एक बुढ़ापे की बीमारी है. 


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दिल्ली के जी. बी. पंत अस्पताल में पिछले कुछ वर्षों से  20% दिल के मरीज 18 से 45 वर्ष के बीच के आ रहे हैं. अस्पताल ने दो वर्ष पहले ऐसे 154 मरीजों पर स्टडी की.  इन सभी मरीजों में से किसी को भी डायबिटीज नहीं थी, इनमें से कोई भी सिगरेट नहीं पीता था, लेकिन इन सभी में एक बात कॉमन थी. इन सभी का Stress level high था.  


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इन मरीजों की डीएनए स्टडी में ये पता चला कि इनके क्रोमोज़ोम्स की टेलोमियर Length काफी कम थी. टेलोमियर (Telomeres) डीएनए के कोने पर लगी कैप की तरह होते हैं, जो कि सिकुड़ चुके थें. डॉक्टरों के मुताबिक जन्म के हिसाब से इनकी उम्र 18 से 45  थी, लेकिन डीएनए स्टडी के हिसाब से इन सभी की उम्र 60 पार कर चुकी थी. यानी आपको हाई बीपी, डायबिटीज या कोई और बीमारी ना भी हो तो भी  दिमागी तनाव आपके दिल पर बहुत भारी पड़ सकता है.   


हार्ट अटैक आपके लिए कितना बड़ा खतरा बन सकता है. इसे समझने ज़ी न्यीज की टीम ने दिल्ली के जी. बी. पंत अस्पताल के डॉक्टरों से बात-चीत की है. इस मामले पर डॉक्टरों ने कहा कि उन्होंने इंजीनियरस के साथ मिलकर एक मॉडल तैयार किया है. 3 हज़ार 191 दिल के मरीजों पर दो वर्ष की स्टडी के बाद इस मॉडल को तैयार किया गया है. ये पहला ऐसा मॉडल है जो पूरी तरह भारतीय मरीजों के आधार पर बना है.


इसमें 31 अलग-अलग पैरामीटर्स के आधार पर ये तय किया जाता है कि हार्ट अटैक के मरीज को जान जाने का खतरा कितना है और कितनी संभावना है कि वो लंबे समय तक जी सकता है. हालांकि, ये मॉडल डॉक्टरों के लिए है, लेकिन इसे देखकर आप भी समझ पाएंगे कि कैसे हार्ट अटैक से जान जाने के खतरे को समझा जा सकता है.  


सबसे पहले 50 वर्ष के लोगों को बाकियों के मुकाबले अपना ध्यान ज्यादा देना होगा. इसके साथ ही आपको अपना ब्लड प्रेशर, शुगर लेवर, ज्यादा स्ट्रेस इन सब का ध्यान देना होगा. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि ज्यादा भीड़ वाले जगह पर नहीं जाएं और पसीना ज्यादा होने पर और सांस लेने में दिक्कत होने पर तुरंत अस्पताल जाएं. 


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