Doctor Strike News: कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और निर्मम हत्या के विरोध में आज भी हिमाचल प्रदेश में असर देखा गया. बता दें, बीते शनिवार सुबह 6 बजे से रविवार सुबह 6 बजे तक आईएमए द्वारा राष्ट्रव्यापी ओपीडी हड़ताल की घोषणा की गई थी. इसके बाद सोमवार को भी हिमाचल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन द्वारा प्रदेश के अस्पतालों में ओपीडी बंद रही. इसका असर मंडी जिला के विभिन्न संस्थानों में भी देखने को मिला है. हालांकि मरीजों के लिए आपातकालीन और आवश्यक सेवाएं मौजूद रहीं. अस्पतालों में डॉक्टर्स ने परिसर में कोलकाता मामले को लेकर कैंडल मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन भी किया. 


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हिमाचल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन के सह- सचिव डॉ. जितेंद्र रूड़की ने कहा कि कोलकाता में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी को लेकर देश भर में डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मियों और लोगों में गुस्सा है. उन्होंने कहा कि जब डॉक्टर अपने कार्यस्थल पर ही सुरक्षित नहीं होंगे तो उनकी सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है. उन्होंने मांग की है कि पीड़ित महिला डॉक्टर के मामले में जल्द से जल्द न्याय दिया जाए और सभी डाक्टर्स की सुरक्षा को सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट के माध्यम से सुनिश्चित किया जाए.


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वहीं, शिमला में भी डॉक्टर्स की हड़ताल जारी है. यहां भी 14 अगस्त से ज्यादातर रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं. शनिवार से इस हड़ताल में सीनियर डॉक्टर भी समर्थन में लगातार हड़ताल पर हैं. इससे स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल असर पड़ रहा हैं. प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में दूर दराज क्षेत्रों से इलाज करवाने पहुंचे लोगों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 


आईजीएमसी अस्पताल में इलाज के लिए दुर्गम क्षेत्रों से पहुंचे लोगों ने बताया कि हड़ताल की वजह से उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ रही हैं. बरसात के बीच तीन चार बसें बदलकर सैकड़ों किलोमीटर दूर इलाज के लिए आए थे. डॉ. ने उन्हें आज की डेट दी थी, लेकिन अस्पताल पहुंचकर पता चला कि सभी ओपीडी बंद हैं. बच्चों ओर बुजुर्गों को इलाज के लिए अस्पताल लेकर आए अटेंडेंट्स ने हड़ताल को खासा परेशानी वाला बताया. लोगों का कहना है कि अब हड़ताल खत्म होने के बाद फिर आना पड़ेगा. 


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