Bilaspur News: हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ के तत्वाधान में 18 जनवरी से बिलासपुर जिला के अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सक अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं. 


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गौरतलब है कि इससे पहले जून 2023 में भी अपनी प्रमुख मांगों को लेकर चिकित्सकों द्वारा पहले काले रिबन लगाकर और फिर पेन डाउन हड़ताल कर अपनी मांगे सरकार के समक्ष रखी गयी थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के आश्वासन के बाद उन्होंने अपनी हड़ताल खत्म कर दी थी, लेकिन अब सात महीने बाद एक बार फिर चिकित्सकों ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर 18 जनवरी से काले रिबन लगाकर विरोध प्रदर्शन करने का मन बना लिया है. 


इस बात की जानकारी देते हुए हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ के बिलासपुर इकाई अध्यक्ष डॉक्टर भूपेंद्र शर्मा ने कहा कि काफी समय से संघ द्वारा अपनी मांगे प्रदेश सरकार के समक्ष रखी गयी हैं, जिनमें मुख्यरूप से नए चिकित्सकों की नियुक्ति के समय एनपीए लागू करना, एड्स कंट्रोल सोसायटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर का कार्यभार पुनः की भांति स्वास्थ्य निदेशक को सौंपना, मेडिकल कॉलेज में प्रधानाचार्य और वरिष्ठ स्वास्थ्य अधीक्षक की शक्तियों को संशोधन कर लौटाना, डेढ़ वर्षों से खंड चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सा अधिकारी, डिप्टी डायरेक्टर के पदों में पदोन्नति नहीं हुई है. इस संदर्भ में उन्हें केंद्र सरकार की तर्ज पर डायनेमिक करियर प्रोग्रेशन स्कीम के तहत लाभ प्रदान करना, दुर्गामी क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे चिकित्सकों को केंद्र सरकार व बिहार जैसे अन्य राज्यों की तुलना में कम वेतन दिया जा रहा है उनका वेतन बढ़ाना जैसी मांगे शामिल है.


वहीं डॉक्टर भूपेंद्र शर्मा ने कहा की जहां एक ओर 18 जनवरी से चिकित्सक काले रिबन लगाकर अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे तो साथ ही उनकी सभी मांगे पूरी ना होने तक यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा और आगामी दिनों में भी अगर उनकी मांगे पूरी नहीं होती तो हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ के प्रदेश नेतृत्व के निर्देशानुसार आने वाले समय में उनका यह विरोध प्रदर्शन और भी उग्र हो सकता है, जिससे अस्पतालों में आने वाले मरीजों को परेशानी भी हो सकती है इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से चिकित्सकों की मांगों को जल्द पूरा करने की अपील की है.


रिपोर्ट- विजय भारद्वाज