नंदलाल/नालागढ़: हिमाचल प्रदेश की कंपनियों में बनीं हार्ट अटैक, ब्लड शुगर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों समेत कुल 23 दवाएं मानकों के अनुसार, सही नहीं पाई गई हैं. हिमाचल प्रदेश के अलावा देशभर में कुल 67 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं. दवा विशेषज्ञ डॉ. संयोग गुप्ता व डॉ. वैभवन कुमार ने हिमाचल में बन रहीं दवाओं के सैंपल बार-बार फेल होने पर कहा, इन दवाओं के सैंपल फेल होने का मतलब सीधा है कि दवाओं को बनाने की गुणवत्ता कमजोर है.


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दवा बनाने के लाइसेंस किए गए रद्द 
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन और स्टेट ड्रग कंट्रोलर की ओर से दवाओं के सैंपल लिए गए थे. सीडीएससीओ के 49 में से 20 और ड्रग कंट्रोलर के 18 में से 3 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं. इनमें 23 में से 12 सोलन, 10 सिरमौर और एक दवा कांगड़ा जिले के उद्योग में बनी है. राज्य ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि जिन कंपनियों की दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उन्हें नोटिस जारी करके दवा बनाने के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं. बाजार से स्टॉक वापस मंगवाने को कहा है. 


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ऐसी दवाएं खाने से मरीजों पर पड़ेगा बुरा असर 
वहीं, दवा विशेषज्ञ डॉ. संयोग गुप्ता व डॉ. वैभवन कुमार ने हिमाचल प्रदेश में बन रहीं दवाओं के सैंपल बार-बार फेल होने पर कहा कि बार-बार दवाओं के सैंपल फेल होने से इसका मरीजों पर बुरा असर पड़ेगा. मरीजों में स्किन एलर्जी, उल्टी आना, मुंह सूखना, दस्त लगना, बुखार आना सहित इनके कई लक्षण आने लगते है. कई बार मौत भी हो सकती है.


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