Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है, तो वहीं इन दो वर्षों में सरकार द्वारा प्रदेश के चहुमुखी विकास के लिए कईं महत्वपूर्ण कदम उठाने का दावा कांग्रेस पार्टी नेताओं व विधायकों द्वारा किया जाता है, लेकिन धरातल पर हकीकत बयान करती एक तस्वीर सामने आई है, जिसने प्रदेश में कईं वर्षों तक भाजपा व कांग्रेस की सरकारों के कार्यकाल में हुए विकास के दावों की पोल खोल दी है. 


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जी हां, मामला बिलासपुर जिला के घुमारवीं उपमंडल के तहत ग्राम पंचायत पनौल के गांव पनौल बाग का है, जहां के ग्रामीण आज भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे हैं. इस गांव में आज भी कोई बीमार हो जाए तो उसे कंधों पर या चारपाई में उठाकर मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ता है. 


इस तरह का ही कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जो कि पनौल बाग के बताए जा रहे हैं और इस वीडियो में एक गर्भवती महिला को आपात स्थिति में कुर्सी पर बिठाकर परिजन घर से कच्चे मार्ग से होते हुए पक्की सड़क तक ले गए और फिर वहां से अस्पताल ले गए थे.


वहीं, कुछ दिन बाद इसी गर्भवती महिला की अचानक तबीयत बिगड़ने पर उसके परिजनों के सामने फिर से उसे अस्पताल पहुंचाने की एक बड़ी चुनौती सामने आ गई और जैसे-तैसे पड़ोस के कुछ लोगों की मदद से महिला को चारपाई की सहायता से पक्की सड़क तक पहुंचाया गया जहां से उसे घुमारवीं अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालात को देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज हमीरपुर रेफर कर दिया गया है.


पनौल बाग के स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क सुविधा ना होने के चलते किसी बीमार व्यक्ति व गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाना काफी मुश्किल हो जाता है और ऐसे में किसी की जान भी जा सकती है. वहीं, स्थानीय ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार से जल्द से जल्द गांव के लिए पक्की सड़क बनाने की मांग की है ताकि किसी व्यक्ति के बीमार होने व गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए गांव तक एम्बुलेंस या वाहन पहुंच सके और समय रहते मरीज व गर्भवती महिला को उपचार मिल सके.


इस समस्या को लेकर घुमारवीं से विधायक व कैबिनेट मंत्री राजेश धर्मानी ने कहा कि इस तरह की समस्या प्रदेश में कईं जगह देखने को मिलती है और गांव-गांव तक सड़क सुविधा पहुंचाने के लिए वर्तमान कांग्रेस सरकार पंचायत प्रतिनिधियों से हमेशा मांग करती है कि संपर्क मार्गों के निर्माण को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल करें ताकि हर गांव तक सड़क सुविधा पहुंचे और ग्रामीणों को होने वाली परेशानी का समाधान होने के साथ ही कईं तरह की सुविधाएं उन्हें मिल सके, लेकिन देखने में कुछ और ही सामने आता है और सड़क व संपर्क मार्ग निर्माण के अतिरिक्त अन्य प्रपोजल सरकार के समक्ष आते है.


जिसका नतीजा यह होता है कि समिति साधनों व पैसों का खर्च अन्य योजनाओं पर हो जाता है और इन सड़कों व संपर्क मार्गों का निर्माण फिर अधर में लटक जाता है. इसलिए उन्होंने लोगों व पंचायत प्रतिनिधियों से अपील की है कि इस तरह की मांगों को सरकार के समक्ष प्रमुखता से रखे ताकि इन संपर्क मार्गों व सड़कों के निर्माण को बजट में शामिल कर जल्द से जल्द इनका निर्माण किया जा सके और गांव-गांव को सड़कों से जोड़ते हुए ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान हो सके.


रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर