संदीप सिंह/शिमला: हिमाचल प्रदेश में बढ़ते नशे को रोकने के लिए राज्य ज्ञान विज्ञान समिति ने अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर सम्मेलन का आयोजन किया. शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में 'नशे के संकट से युवाओं को बचाओ' विषय पर आधारित इस मंथन कार्यक्रम में पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्राम प्रतिनिधि और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सहित युवाओं ने नशे की रोकथाम पर अपने बहुमूल्य विचार रखे. 


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शिमला के बचत भवन में आयोजित इस सम्मेलन में जहां शिक्षाविदों ने प्राइमरी स्तर से शिक्षा में इसे सम्मिलित करने की बात कही, वहीं पुलिस ने पंजाब के रास्ते से हिमाचल में इस नशे की खेप को मुख्य कारण बताया. वहीं स्वास्थ्य विभाग ने भी मनोचिकित्सकों की संख्या बढ़ाने की बात कही. इसके साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार की बात शिक्षा मंत्री के समक्ष रखी. ग्राम प्रतिनिधियों व समाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के विशेषज्ञों ने ब्लॉक स्तर से जागरूकता अभियान चलाकर इसे एक दिन का मंथन न बनाकर अलख बनाने की आवश्यकता पर बल दिया. 


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शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि देवभूमि में इस नशे के बढ़ते कदमों को रोकने के लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि आज राज्य ज्ञान विज्ञान समिति द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सभी ने नशे के बढ़ते प्रचलन पर मंथन के दौरान सभी ने सार्थक सुझाव दिए. उन्होंने कहा कि इन दिनों प्रदेश में सिंथेटिक ड्रग में बहुत तीव्र गति से बढ़ोतरी हुई है जो चिंता का विषय है. इसे लेकर वह शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मिलेंगे. 


उन्होंने कहा कि जो भी आज सार्थक चर्चा हुई है. उन सभी सुझावों को अगले सप्ताह मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर उनके समक्ष रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि इस समय जो प्राथमिकता है इस विषय पर कई शीघ्र कदम उठाए जाएं उस पर भी विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रभावी कानून में भी परिवर्तन लाना पड़ेगा. उस ओर भी विचार किया जाएगा. इस विकराल समस्या को मिल-जुलकर निपटने के लिए जीरो टॉलरेंस के साथ कार्य किया जाएगा. इस विषय पर उच्चस्तरीय मॉनीटिरिंग के साथ मिल-जुलकर कार्य करने की आवश्यकता है. 


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