Dharamshala News: तिब्बत में अब तक चीनी अत्याचार के खिलाफ अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए 157 तिब्बती आत्मदाह कर चुके हैं. तिब्बत में आत्मदाह का पहला मामला 27 फरवरी 2009 को सामने आया था, जिसके बाद लगातार तिब्बत में रह रहे तिब्बती चीन के खिलाफ अपने शांतिपूर्वक प्रदर्शन के दौरान आत्मदाह करने को मजबूर हो रहे हैं. 


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इसी कड़ी में तिब्बतियन म्यूजियम की ओर से मैक्लोडगंज बौद्ध मठ में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. प्रदर्शनी के माध्यम से तिब्बत के इतिहास की झलक दिखाई गई, वहीं अब तक तिब्बत में आत्मदाह करने वाले तिब्बतियों के संबंध में जानकारी भी दी गई.  तिब्बतियन म्यूजियम के डायरेक्टर तेंजिन थुपतेन ने कहा कि यह प्रदर्शनी चीन के दावों कि जिसमें कहा जाता है कि तिब्बत में रह रहे तिब्बती खुश हैं, उस पर सवाल उठाती है. 


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उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी के माध्यम से तिब्बत में तिब्बतियों पर हो रहे अत्याचारों के बारे में स्थानीय लोगों व विदेशियों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है. मंगलवार को आरंभ हुई प्रदर्शनी 8 मार्च तक चलेगी.  इसके बाद प्रदर्शनी में लगाई सामग्री को दो माह तक तिब्बतियन म्यूजियम में रखा जाएगा.  तिब्बत में अब तक चीनी अत्याचार के खिलाफ अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए 157 तिब्बती आत्मदाह कर चुके हैं.  तिब्बत में आत्मदाह का पहला मामला 27 फरवरी 2009 को सामने आया था, जिसके बाद लगातार तिब्बत में रह रहे तिब्बती चीन के खिलाफ अपने शांतिपूर्वक प्रदर्शन के दौरान आत्मदाह करने को मजबूर हो रहे हैं. 


इसी कड़ी में तिब्बतियन म्यूजियम की ओर से मैक्लोडगंज बौद्ध मठ में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया.  प्रदर्शनी के माध्यम से तिब्बत के इतिहास की झलक दिखाई गई, वहीं अब तक तिब्बत में आत्मदाह करने वाले तिब्बतियों के संबंध में जानकारी भी दी गई. 


रिपोर्ट- विपन कुमार, धर्मशाला