विपन कुमार/धर्माशाला: हिमाचल प्रदेश के सदर थाना धर्मशाला के तहत खनियारा के तरापड़ा गांव में पिछले डेढ़ साल से खुद को आईपीएस अधिकारी बताकर किराए के मकान में रह रहे व्यक्ति को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया है. आरोपित की पहचान विवेक हीरा सिंह ठाकुर निवासी महाराष्ट्र के रूप में हुई है. आरोपित खुद को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का अंडर कवर अधिकारी बताकर रह रहा था. 


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बता दें, पुलिस को आईपीएस अधिकारी बनकर रह रहे विवेक कुमार की सूचना गुप्तचर विभाग से मिली थी. इसके बाद रविवार को पुलिस के कुछ जवान सिविल ड्रेस में उसके कमरे में पहुंचे तो वह उनके साथ बहस करने लगा. इस बीच अन्य जवान भी मौके पर पहुंच गए. पुलिस ने उसके पास से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का सदस्य होने का फर्जी आइडी कार्ड, एक पिस्टल का कवर, दो वॉकी टॉकी, बाइक व कार बरामद की है. 


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बताया जा रहा है कि आरोपित पहले धर्मशाला में प्राइवेट नौकरी करता था. इसके बाद उसने फर्जी आइडी कार्ड बनवाया और आईपीएस अधिकारी बनकर हर दिन रात को खनियारा व धर्मशाला क्षेत्र में रेड करने लगा. आरोपित सिर्फ चरस बेचने वालों को ही पकड़ता था और नशा लेकर उन्हें छोड़ देता था. इसके बाद वह पकड़ी की गई चरस को खुद पीता और बेच देता था. 


इस काम को अंजाम देने के लिए पहले वह बाइक का इस्तेमाल करता था और फिर करीब तीन महीने बाद वह गुजरात नंबर की कार लेकर सड़कों पर जाने लगा. आरोपित ने कार के दोनों ओर भारत सरकार लिखवाया था और फर्जी आइडी कार्ड कार के अंदर ही लटकाकर रखता था. बताया जा रहा है कि यहां उसने अपने साथ कुछ युवकों को भी मिला लिया था जो इस कार्य में उसका सहयोग करते थे.


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वहीं एएसपी वीर बहादुर कांगड़ा ने बताया कि आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है. इसके अलावा उसके एक साथी के घर की भी तलाशी ली जा रही है. इस मामले में धर्मशाला कचहरी के निजी कैफे के मालिक मदन लाल वालिया निवासी गाहलियां ने पुलिस को सूचना दी थी. उन्होंने बताया कि तीन सितंबर को विवेक हीरा सिंह ठाकुर उसके पास नौकरी के लिए आया था. उन्होंने उसे कुक के तौर पर रख लिया. वह डयूटी पर पिस्टल का पाउच लेकर आता था. इसके बारे में पूछा तो उसने कहा कि वह 2016 बैच का एक आईपीएस अधिकारी है और धर्मशाला में एक मिशन को अंजाम देने के लिए आया है.


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