Farmer Protest: अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर किसान एक बार फिर सड़कों पर उतर आए हैं. किसानों के इस प्रदर्शन से दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर लंबी जाम लगी है. संसद की ओर मार्च कर रहे किसानों को दिल्ली के बॉर्डरों पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया है. हालांकि, किसान और पुलिस में धक्का मुक्की भी देखने को मिली है. 



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दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर एक बार फिर से किसान आन्दोलन की आहट सुनाई देने लगी है. एमएसपी की गारंटी समेत लम्बित मांगों को लेकर किसानों ने 13 फरवरी से दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया है. ट्रैक्टर ट्रॉलियों में बैठकर हजारों किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के अलग-अलग इलाकों से दिल्ली कूच शुरू करेंगे. 


इसका ऐलान पिछले दिनों किसान संगठनों ने किया था. एक तरफ किसान संगठन दिल्ली मार्च की तैयारी में जुटे हैं. वहीं दूसरी तरफ बहादुरगढ़ के उद्योगपति डरे हुए हैं, घबराए हुए हैं. बहादुरगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने इमरजेंसी बैठक कर सरकार और प्रशासन से बॉर्डर बंद न होने देने की अपील की है. 


बीसीसीआई के प्रतिनिधिमंडल ने डीसी और एसपी को भी इसके संदर्भ में ज्ञापन दिया है. बीसीसीआई के प्रधान सुभाष जग्गा और वरिष्ठ उपप्रधान नरेन्द्र छिकारा ने कहा कि पिछले किसान आन्दोलन से बहादुरगढ़ के उद्योगों को 20 हजार करोड़ का नुकसान हुआ था. इस बार अगर ऐसा हुआ तो उद्योग बंद हो जाएंगे और लाखों लोग बेरोजगार. उद्योगपतियों ने किसानों से भी बहादुरगढ़ बॉर्डर बंद न करने की अपील की है और सरकार से किसान संगठनों से बातचीत कर मुद्धा हल करने की मांग की है. 


सुभाष जग्गा प्रधान और नरेन्द्र छिकारा उपप्रधान बीसीसीआई 25 दिसंबर 2020 को किसानों ने दिल्ली चलो का ऐलान किया था जिसके बाद 26 और 27 नवंबर को पंजाब और हरियाणा के हजारों किसानों ने 378 दिन तक कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के बॉर्डर बंद कर दिए थे.  दिल्ली बॉर्डर बंद होने से बहादुरगढ़ से उद्योगों और श्रमिकों का पलायन भी हुआ था.  अब फिर से किसानों की आहट से उद्योगपति परेशान है. 


वहीं दिल्ली बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस सुरक्षा को लेकर अलर्ट हो गई है और हरियाणा पुलिस भी पंजाब से लगते इलाकों में सुरक्षा बढ़ाने में जुट गई है. किसानों के दिल्लर कूच के ऐलान को देखते हुए झज्जर पुलिस भी अलर्ट मोड में आ गयी है.  झज्जर जिले के एसपी अर्पित जैन का कहना है कि किसी भी कीमत पर किसानों को हाइवे जाम नहीं करने दिया जाएगा. उनका कहना है कि किसान संगठनों और स्थानीय लोगों से बातचीत के जरिये समाधान निकालने की कोशिशें जारी है. 


उन्होंने बताया कि बहादुरगढ़ के उद्योगपतियों ने भी एक ज्ञापन सौंपा है. जिसमें उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर चिंताएं जाहिर की हैं. हालांकि एसपी अर्पित जैन का कहना है कि किसानों की हर एक मूवमेंट पर पुलिस की पूरी नजर बनी हुई है. ऐसे में आने वाले समय में किसने का रुख कैसा रहता है और पुलिस प्रशासन के साथ-साथ सरकार भी किसानों को मनाने में कामयाब हो पाती है या नहीं यह देखने वाली बात होगी.