ऊंना के घंडावल में बनेगा उत्तर भारत का पहला बैंबू विलेज, वीरेंद्र कंवर ने किया शिलान्यास
ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, मत्स्य तथा पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने आज घंडावल में उत्तर भारत के पहले बैंबू विलेज का शिलान्यास किया. जिसका निर्माण लगभग 4 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा.
वरिंद्र कवर/ऊंना: ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, मत्स्य तथा पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने आज घंडावल में उत्तर भारत के पहले बैंबू विलेज का शिलान्यास किया. जिसका निर्माण लगभग 4 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा. बता दें, परियोजना निर्माण के लिए पहली किश्त के रूप में बैंबू विलेज के लिए 1.50 करोड़ रुपए की धनराशि मिल चुकी है.
Khelo India: हिमाचल कबड्डी टीम ने लहराया परचम, खेलो इंडिया में जीता गोल्ड मेडल
बैंबू विलेज के निर्माण के बाद इसे स्वां विमन फेडरेशन के माध्यम से संचालित किया जाएगा तथा मार्केटिंग का कार्य बैंबू इंडिया करेगी. बता दें, इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि बैंबू विलेज का निर्माण केंद्र सरकार की परियोजना बैंबू मिशन के तहत किया जा रहा है.
इस परियोजना के अंतर्गत बांस आधारित एक फर्नीचर निर्माण इकाई, बांस का ट्रीटमेंट तथा सीजनिंग प्लांट, डिपो, बैंबू नेचर पार्क, कैफे, शॉपिंग कॉम्पलेक्स, बांस प्रशिक्षण केंद्र तथा बैंबू नर्सरी का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि परियोजना के स्थापित होने से प्रदेश में बांस उत्पादकों के उत्पाद स्थानीय स्तर पर बिकेंगे. इसके अलावा बांस की नई तथा उन्नत किस्मों का पौधारोपण भी करवाया जाएगा, जो भविष्य में ग्रामीण स्तर पर किसानों की आय बढ़ाने में सहायक होगा.
उन्होंने आगे कहा कि बांस आधारित फर्नीचर इकाई तथा बैंबू सीजनिंग इकाई के माध्यम से जहां एक ओर स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. वहीं, इन उत्पादों का राष्ट्रीय स्तर पर विवरण किया जाएगा, जिससे जिला ऊना के बांस आधारित उत्पादों को एक नया आयाम मिलेगा. परियोजना के तहत बनने वाली प्रशिक्षण इकाई में स्थानीय व्यक्तियों को विभिन्न प्रशिक्षण प्रदान किए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि बैंबू विलेज को पर्यटन की दृष्टि से भी विकसित किया जाएगा, जिससे पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और इससे भी रोजगार के अवसर सृजित होंगे. उन्होंने कहा कि प्लास्टिक पर्यावरण के लिए हानिकारक है. दुनिया का पहला प्लास्टिक टूथब्रश आज भी किसी न किसी कोने में मौजूद होगा, जो इतने समय के बाद भी पूरी तरह से नष्ट नहीं हुआ होगा.
उन्होंने कहा कि बांस में प्लास्टिक का स्थान लेने की पूरी क्षमता है, जो पूरी तरह से पर्यावरण मित्र है. आज बांस से टूथब्रश बनाए जा रहे हैं तथा बांस का फर्नीचर, वूफर, लैंपशेड, बांस के गहने तथा अन्य सजावटी सामान बाजार में बिक रहे हैं. युवा पीढ़ी पर्यावरण के प्रति जागरूक है और इसीलिए बांस से बने पर्यावरण मित्र उत्पाद बाजार में बिक रहे हैं. इन्हीं बातों को ध्यान में रख कर जिला ऊना में बैंबू विलेज की स्थापना की जा रही है और यह परियोजना जिला ऊना के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी.
Watch Live