Ganesh Chaturthi: गणेश चतुर्थी को लेकर हर तरफ धूम, सुंदर-सुंदर मूर्तियों से सजे बरनाला में बाजार
Ganesh Utsav: गणेश उत्सव को लेकर भक्तों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है. घरों की सजावट भी की जा रही है. भक्तों ने कहा विघ्नहर्ता जी की कल घर में स्थापना की जाएगी. पूरे घर में 11 दिनों तक विवाह वाला माहौल होगा.
Barnala News: हिंदू धर्म में श्री गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है. देश भर में बड़े ही हर्षोल्लाह से मनाया जाता है. हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन से ही श्री गणेश उत्सव की शुरुआत होती है. इस बार यह त्यौहार 19 सितंबर को मनाया जा रहा है और इस दौरान लोग अपने घरों में गणेश जी की स्थापना करने की पूरी तैयारी कर चुके हैं.
गणेश जी की मूर्ति 10 दिन तक लोग अपने घरों में पूरे विधि विधान के साथ स्थापित करते हैं. गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है लोग मोहल्ले चौराहा मंदिरों घरों पर गणेश जी की स्थापना करते हैं और दिन सुबह-शाम आरती पूजा अर्चना की जाती है अनंत चतुर्थी के दिन गणेश जी की मूर्ति को विधि विधान से पानी में विसर्जित करने की भी परंपरा पुराने समय से चलती आ रही है.
बाजारों में गणेश जी की मूर्तियां खरीदने आए परिवारों ने गणेश चतुर्थी त्योहार के उत्साह को लेकर खुशी जहर करते कहा कि पिछले एक महीने से घर में इंतजार था और तैयारी शुरू कर दी गई थी कि गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी मेहमान बनकर उनके घर आएंगे और उनके घर में विवाह जैसा माहौल होगा. जिसकी तैयारियां की जा रही हैं और 11 दिन घर में पूजा अर्चना कीर्तन पाठ नाच गाना सब होगा और घर में खुशियों का माहौल रहेगा गणपति जी सभी की मुरादे पूरी करने वाले हैं.
19 सितंबर से श्री गणेश चतुर्थी उत्सव की तैयारी शुरू होने वाली है. वहीं, बरनाला बाजारों में सुंदर-सुंदर गणपति जी की मूर्तियों की दुकानें सज चुकी हैं और भक्तों द्वारा गणपति जी को घर ले जाने की तैयारी के चलते खरीदारी की जा रही है.
इस दौरान गणपति विक्रेता के चेहरे पर भी खुशी देखने को मिली. उनका कहना इस बार उनकी दुकानदारी भी अच्छी हो रही है. 40% बिक्री बढ़ी है. इस बार बड़ी गिनती में लोग गणपति जी की मूर्तियों को घर ले जाकर स्थापना कर रहे हैं. लोगों में काफी अच्छा उत्साह देखने को मिल रहा है.
साथ ही कहा कि इस बार कच्ची मिट्टी के बने गणपति जी की मूर्तियां भी काफी प्रचलित हो रही है. मिट्टी को शुद्ध माना जाता है और दूसरा मिट्टी गणपति विसर्जन के समय पानी में घुल जाती हैं. जिससे पानी में रहने वाले जीव जंतु मछलियों को भी नुकसान नहीं होता.