Ganesh Chaturthi 2023: गणपति बप्पा जी के स्वागत की तैयारियां शुरू हो चुकी है.  19 सितम्बर से गणेश चतुर्थी के दिन गणपति महोत्सव की शुरुआत की जाएगी.  इसी के चलते पठानकोट में राज्यस्थान से आये हुए कलाकारों द्वारा मूर्तियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. 


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जहां पहले केमिकल ओर पी ओ पी से मूर्तिया बनाई जाती थी. वहीं, अब पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कारीगरों की ओर से केमिकल रहित मूर्तियां बनाई जा रही है. जिससे पर्यावरण दूषित होने से बचेगा. 


Ganesh Chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी पर जरूर करना चाहिए ये काम, विघ्न होंगे दूर!


19 सितम्बर गणेश चतुर्थी के दिन से देश भर में गणेश मोहत्सव शुरू होने जा रहा है. जिसे देखते हुए पठानकोट में गणपति की मूर्तियां बनाने का कार्य शुरू हो चुका है. मूर्तियां बनाने वाले कारीगरों का कहना है कि पहले कैमिकल व पीओपी से मूर्तियां तैयार की जाती थी. लेकिन इस साल पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कैमिकल रहित गणपति बप्पा की मूर्तियां बनाई जा रही है.  


हर साल हजारों की संख्या में लोग गणपति बप्पा की मूर्तियां तालाबों, नदियों तथा दरियाओं में विसर्जित करते हैं.  वहीं प्लास्टिक व पीओपी के इस्तेमाल से बनी हुई मूर्तियों से पर्यावरण दूषित होता था.  पानी मे रहने वाले जीव जंतुओं को भी कैमिकल के कारण दिक्कतें होती थी.  इसलिए इस वर्ष लोग कैमिकल रहित बनी हुई गणपति बप्पा की मूर्तियां खरीदने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं. ताकि पर्यावरण भी दूषित ना हो इसलिए ही पठानकोट में कारीगर अधिकतर बिना कैमिकल से बनी मूर्तियां तैयार करने में जुटे हैं. 


वहीं बप्पा के स्वागत की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं.  बप्पा को आकार और रंग देने का काम तेजी से चल रहा है.  मूर्ति कलाकार भी मूर्तियों को अंतिम रूप देने में लगे हैं. गणपती बप्पा को अपने घर ले जाने वाले श्रद्धालु भी इन मूर्तियों को पसंद कर रहे है.