विजय भारद्वाज/बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर स्थित विश्वविख्यात शक्तिपीठ श्री नैनादेवी मंदिर में गुप्त नवरात्र अष्टमी बड़ी धूमधाम से मनाई जा रही है. वहीं, अष्टमी के दिन सुबह से ही पंजाब, हरियाणा, दिल्ली सहित अन्य प्रदेशों से भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने मां नैनादेवी के दरबार में पहुंच कर इस पावन उपलक्ष्य पर विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की व प्राचीन हवन कुंड में आहुतियां डाल अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना की.


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कब आते हैं गुप्त नवरात्र?
गौरतलब है कि साल में चार बार नवरात्र मनाए जाते हैं, हालांकि इस बारे में बहुत लोगों को ही मालूम है. बता दें, साल में चार बार आने वाले नवरात्र में से दो नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहा जाता है, जिनके बारे में बहुत कम लोगों को ही मालूम है. एक बार के गुप्त नवरात्र आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में आते हैं और दूसरी बार के गुप्त नवरात्र माघ मास के शुक्ल पक्ष में आते हैं. 


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इसलिए रखा गया था गुप्त
हालांकि प्राचीन समय में ऋषि-मुनियों द्वारा तांत्रिक सिद्धियों के लिए इन्हें गुप्त रखा हुआ था, लेकिन अब धीरे-धीरे गुप्त नवरात्रों का प्रचलन बढ़ रहा है. ऐसे में अब गुप्त नवरात्रों के दौरान भी श्रद्धालु माता रानी की पूजा-अर्चना व हवन यज्ञ करते हैं. बता दें, हिमाचल प्रदेश में गुप्त नवरात्र को भी धूमधाम से मनाया जाता है.


श्रद्धालुओं की व्यवस्था के लिए किए गए खास इंतजाम
इन नवरात्र के दौरान भी हिमाचल के मंदिरों को खास ढ़ंग से सजाया जाता है और मां के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है. हिमाचल प्रदेश में गुप्त नवरात्रों की धूम को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर न्यास और जिला प्रशासन ने पुख्ता बंदोबस्त किए हैं. साथ ही सफाई व्यवस्था और पीने के लिए स्वच्छ जल का पूरा भी इंतजाम किया गया है. 


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