सोलन के ऋतिक ने अपनी जान जोखिम में डालकर बचाई दो नन्हीं जिंदगियां, सच की इस भजन की बात, पढ़ें
Solan News: पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएंगे. इस भजन की लाइन को सोलन में सच होते देखा गया है. सोलन के ऋतिक ने अपनी जान जोखिम में डालकर दो नन्हीं जिंदगियां बचाई
Solan News: ना जाने किस रूप में नारायण मिल जाएंगे. यह भजन आपने कई बार सुना होगा. ऐसा ही मामला सोलन में सामने आया है. जहां विश्व धरोहर कालका शिमला रेलवे ट्रैक पर दो बच्चियों को भगवान का रूप बनकर शिमला जिला के चौपाल मंडल के चम्बी गांव के ऋतिक ने अपनी जान जोखिम में डाल कर बचाया, लेकिन चुनावी चकाचौंध के बीच मंत्री संतरी सहित प्रशासनिक अधिकारी ऋतिक की इस बहादुरी को भूल गए.
दरअसल मामला सोलन के बाईपास का है जब यह बच्चियां रेलवे ट्रैक से अपने घर जा रही थी. तभी ऋतिक अपनी ड्यूटी से घर जा रहा था कि अचानक मोड पर ट्रेन आ गई. ऋतिक ने बिल्कुल फिल्मी हीरो की तरह इन बच्चियों को रेलवे ट्रैक से हटाया. वहीं इन दो नन्हीं बच्चियों की जान बचाते बचाते ऋतिक अपनी एक टांग खो बैठा.
वहीं दूसरी टांग में प्लेटे पड़ी है, लेकिन इस युवक के चेहरे पर हल्की सी भी शिकन नहीं दिख रही है. बड़ी बात यह है कि बच्चियां सही सलामत है. ऐसे में ये तो साफ है कि ऋतिक इन बच्चियों के लिए भगवान का रूप बनकर सामने आया. पीजीआई में 17 दिन उपचार लेने के बाद अपने घर जा रहे ऋतिक को बच्चियों की मां कृष्णा देवी सोलन बाईपास पर मिली व उसका तहे दिल से आभार व्यक्त किया. ह क्षण सभी को भावुक करने वाला था.
बच्चियों की माता कृष्णा देवी ने बताया कि कहा कि वह उम्र भर ऋतिक की एहसानमंद रहेंगी, जिसकी वजह से आज उसकी दोनों बेटियां जीवित है. उन्होंने कहा कि यदि उनके बच्चों को आज कुछ हो जाता तो उनके हाथों में कुछ ना रहता. उन्होंने कहा कि देवदूत बनकर ऋतिक ने उनकी बच्चियों को बचाया है. अब उन दोनों बच्चियों को उनके भाई भी मिल गए हैं और वह सारी जिंदगी उसके आभारी रहेंगी.
वहीं ऋतिक ने बताया कि वह अपनी आंखों के सामने दो नन्ही बच्चियों की जान जाते नहीं देख सकते थे. इसलिए उन्होंने अपनी जान की परवाह ना किये बगैर उनकी जान बचाने की सोची, जिसके बाद उनकी एक टांग कट गई तो दूसरी में रोड पड गयी है. ऋतिक ने कहा कि उन्होंने सरकार व प्रशासन से आग्रह किया है कि ऐसे स्थानों को चयनित करें ताकि किसी जान संकरी जगहों के कारण जोखिम में ना पड़ जाये.
वैसे देखा जाए तो निश्चित तौर पर आधुनिकता की दुनिया में ऐसे नेक कार्य बेहद कम देखने को मिलते है. ये अपने आप में स्वार्थी लोगों के लिए एक प्रेरणा है, जो ऋतिक ने किया है. शायद ही कोई करता.
रिपोर्ट- मनोज शर्मा, सोलन